मोनालिसा की मुस्कान नकली : अध्ययन

लंदन : ब्रिटेन में लंदन विश्वविद्यालय के एक नये अध्ययन के अनुसार मोनालिसा की चर्चित मुस्कान अस्वाभाविक हो सकती है. इसमें यह सुझाव दिया गया है कि इतालवी विद्वान लियोनार्डो दा विंची ने जानबूझकर उन्हें इस तरीके से चित्रित किया. लंदन विश्वविद्यालय में शोधकर्ता सेंट जॉर्ज ने मोनालिसा के भाव की सच्चाई को परखना शुरू […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 4, 2019 4:57 PM

लंदन : ब्रिटेन में लंदन विश्वविद्यालय के एक नये अध्ययन के अनुसार मोनालिसा की चर्चित मुस्कान अस्वाभाविक हो सकती है. इसमें यह सुझाव दिया गया है कि इतालवी विद्वान लियोनार्डो दा विंची ने जानबूझकर उन्हें इस तरीके से चित्रित किया. लंदन विश्वविद्यालय में शोधकर्ता सेंट जॉर्ज ने मोनालिसा के भाव की सच्चाई को परखना शुरू किया और दुनिया की इस सर्वप्रसिद्ध पेंटिंग के लिए मनोभाव के सिद्धांत का प्रयोग किया. उन्होंने चेहरे के हाव-भाव को परखने के लिए ‘किमरिक फेस टेस्ट तकनीक’ का इस्तेमाल किया.

इसमें तस्वीर के मुख को आधा-आधा काटकर हर आधे हिस्से को इसकी दर्पण छवि के साथ रखा जाता है. दोनों किमरिक तस्वीरों पर 42 लोगों के एक समूह ने अपने-अपने मत रखे तथा भाव के अनुसार उनकी रेटिंग की. इसमें इस बात पर सहमति जतायी गयी कि काटी गयी तस्वीरों में से दर्पण छवि की बांयी-बांयी ओर वाली तस्वीर में खुशी झलक रही है जबकि दायीं-दायीं वाली तस्वीर में भाव की कमी है, जिसे निराभाव या एकरूप समझा जा सकता है.

यह शोध ‘कॉर्टेक्स’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है. इसमें निष्कर्ष यह निकाला गया है कि मोनालिसा की मुस्कान में एकरूपता नहीं है. शोधकर्ताओं में अमेरिका के सिनसिनाटी विश्वविद्यालय के लुका मार्सिली और इटली के रोम में सैपिएंजा विश्वविद्यालय के मैटीओ बोलोग्ना शामिल हैं.

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