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स्टडी रिपोर्ट: समुद्र में नहाना है खतरनाक, पेट-सांस व स्किन में इन्फेक्शन का खतरा

हिंदी फिल्मों में समुद्री किनारों (सी बीच) का काफी फिल्मांकन किया गया है. समुंदर में नहाना सभी को खूब भाता है. मगर एक ताजा शोध की मानें, तो समुद्र में नहाना अब स्किन इन्फेक्शन का कारण बन रहा है. समुद्र के पानी में नहाने से स्किन, माइक्रोबायोम में बदल जाती है, जिससे कान और त्वचा […]

हिंदी फिल्मों में समुद्री किनारों (सी बीच) का काफी फिल्मांकन किया गया है. समुंदर में नहाना सभी को खूब भाता है. मगर एक ताजा शोध की मानें, तो समुद्र में नहाना अब स्किन इन्फेक्शन का कारण बन रहा है. समुद्र के पानी में नहाने से स्किन, माइक्रोबायोम में बदल जाती है, जिससे कान और त्वचा पर इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है.

अमेरिकन सोसायटी फॉर माइक्रोबायॉलजी के वार्षिक सम्मेलन ‘एएसएम माइक्रोब-2019’ में इस रिसर्च के नतीजों को सामने रखा गया. इसके बारे में शोधकर्ताओं ने बताया कि माइक्रोबायोम में बदलाव संक्रमण के प्रति अतिसंवेदनशील हो सकते हैं. कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में पीएचडी की छात्रा और इस स्टडी की लीड ऑथर मारिसा चैटमैन नील्सन का कहना है कि उनके शोध से पता चला कि समुद्र के पानी के संपर्क में आने पर इंसान की त्वचा की विविधता और संरचना में बदलाव हो सकता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली के कार्यों को अवरोध पहुंचा सकता है.

पेट, सांस व स्किन इन्फेक्शन का खतरा : शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि समुद्र के पानी के संपर्क में आने से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल बीमारियां, सांस संबंधी बीमारियां, कान में इन्फेक्शन और स्किन इंफेक्शन का खतरा भी कई गुना बढ़ जाता है. इस स्टडी के लिए अनुसंधानकर्ताओं ने बीच पर मौजूद 9 व्यक्तियों की जांच की, जिन्हें 12 घंटे तक स्नान नहीं करने दिया गया. इसके अलावा उन्हें सनस्क्रीन के उपयोग की भी मनाही की गयी. यह भी ध्यान रखा गया कि उन्होंने छह महीनों में एंटिबायॉटिक दवा न ली हो.

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