चिपचिपी गर्मी से राहत दिलाएं ये कूल बाथ

रजनी अरोड़ानहाना या स्नान करना हमारी दिनचर्या का अहम हिस्सा है. आयुर्वेद में भी नियमित स्नान की महत्ता पर बल दिया गया है. स्नान हमारे शरीर के तीनो दोषों-वात, पित्त और कफ में संतुलन बनाये रखता है. सुबह किया गया स्नान जहां दिन भर शरीर, मन-मस्तिष्क को शांत, चुस्त और स्फूर्त रखता है, वहीं शाम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 14, 2019 1:32 PM

रजनी अरोड़ा
नहाना या स्नान करना हमारी दिनचर्या का अहम हिस्सा है. आयुर्वेद में भी नियमित स्नान की महत्ता पर बल दिया गया है. स्नान हमारे शरीर के तीनो दोषों-वात, पित्त और कफ में संतुलन बनाये रखता है. सुबह किया गया स्नान जहां दिन भर शरीर, मन-मस्तिष्क को शांत, चुस्त और स्फूर्त रखता है, वहीं शाम का स्नान दिन भर की थकान को मिटा कर मन कूल और फ्रेश बनाता है. आयुर्वेद के हिसाब से नहाने के पानी में कुछ चीजें मिला कर या स्किन पर उबटन लगा कर स्नान के कूलिंग इफेक्ट को दोगुना किया जा सकता है और गर्मी से राहत पायी जा सकती है. जानिए किस तरह के कूल बाथ के क्या हैं फायदे.

नीम बाथ:बरसात में इंफेक्शन होने का खतरा होता है. इसके लिए नीम बाथ कारगर है. नीम ऑयल की कुछ बूंदे बाथिंग टब के पानी में मिला कर नहाएं. नीम के पत्तों को पानी में उबाल कर उस पानी को ठंडा करके उससे भी नहा सकती हैं. नीम बाथ कूलिंग का अहसास देने के साथ ही, पित्ती, एग्जिमा, घमौरियों, सोरायसिस जैसी समस्याओं के उपचार मे सहायक होता है.

लेमन बाथ: अगर आपके पसीने से बदबू आती हो, उनके लिए लेमन बाथ फायदेमंद है. नहाने के पानी में एक नीबू का रस निचोड़ कर मिलाएं और स्नान के अंत में इस पानी को शरीर पर डालें. इससे पसीना कम आयेगा और पसीने की दुर्गंध से भी राहत मिलेगी. आप चाहें, तो लेमन ऑयल की कुछ बूंदे मिला सकती हैं.

मिल्क और हनी बाथ : स्किन में मॉश्चराइजिंग बैलेंस बनाये रखने के लिए मिल्क (या कोकेानेट मिल्क) व हनी बाथ बेहतर ऑप्शन रहता है. इससे त्वचा में चमक और निखार आता है. दो कप फुल क्रीम मिल्क में तीन-चार चम्मच हनी मिला कर नहाने के पानी में मिला कर सप्ताह में दो बार स्नान करें. जल्दी ही इसका असर दिखेगा.

पुदीना बाथ : पतीले में उबले पानी में पुदीना के पत्ते डाल कर कुछ घंटे रख दें. इस पानी को ठंडा करके छान कर नहाने के पानी में मिलाएं और स्नान करें. चाहें तो, पानी में पुदीने के तेल की कुछ बूंदे भी मिला सकती हैं.

रोज बाथ : गुलाब के फूलों को रात में पानी या नहाने के टब में भिगो दें. सुबह इस पानी से नहाएं. आप रोज वॉटर की कुछ बूंदें भी पानी में मिला कर नहा सकती हैं. सेंसिटिव स्किन के लिए रोज बाथ बेहद फायदेमंद है. नेचुरल एंटीसेप्टिक और माइल्ड एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर रोज बाथ शरीर व दिमाग दोनों को तरोताजा रखता है.

कोकोनट ऑयल बाथ : नहाने के हल्के गुनगुने पानी में कुछ बंदे नारियल के तेल की मिला कर नहाने से शरीर को विषैले पदार्थों से मुक्ति और राहत मिलती है. साथ ही, स्किन सॉफ्ट, शाइनी और बेदाग बनी रहती है.

सफेद सिरका बाथ : नहाने के पानी में करीब एक-चौथाई कप सफेद सिरका, गुलाब जल और चंदन के तेल की कुछ बूदे मिला कर नहाने से स्किन पर होने वाले रेशैज, जलन जैसी समस्याओं से राहत मिलती है.

क्रेडिट : डॉ कोमल मलिक, मेडिकल ऑफिसर, एनडीएमसी आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी, दिल्ली

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