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50 फीसदी महिलाएं यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (यूटीआइ) से प्रभावित, ऐसे करें बचाव
अपने जीवन में कम-से-कम एक बार 50 फीसदी महिलाएं यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (यूटीआइ) से प्रभावित होती हैं. यह सबसे कॉमन इन्फेक्शन है. यह तब होता है जब आपके ब्लैडर, किडनी और इनको जोड़ने वाले ट्यूब्स में जर्म्स का इन्फेक्शन हो जाता है. ब्लैडर इन्फेक्शन के प्रमुख लक्षण हैं- पेशाब में जलन, बार-बार टॉयलट आना, पेट […]
अपने जीवन में कम-से-कम एक बार 50 फीसदी महिलाएं यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (यूटीआइ) से प्रभावित होती हैं. यह सबसे कॉमन इन्फेक्शन है. यह तब होता है जब आपके ब्लैडर, किडनी और इनको जोड़ने वाले ट्यूब्स में जर्म्स का इन्फेक्शन हो जाता है. ब्लैडर इन्फेक्शन के प्रमुख लक्षण हैं- पेशाब में जलन, बार-बार टॉयलट आना, पेट के निचले हिस्से में दर्द और पेशाब से बदबू आना आदि. अगर ठीक से इलाज न हो, तो यह किडनी तक पहुंच जाता है. यह इन्फेक्शन अनहाइजीनिक सेक्स, पब्लिक टॉयलेट यूज करने और हाइजीन मेंटेन न रखने से भी होता है.
ऐसे में पर्याप्त पानी पीएं, जिससे ब्लैडर के टॉक्सिन्स और बैक्टीरिया निकल जाते हैं. सेक्शुअल इंटरकोर्स के बाद टॉयलेट जाकर ब्लैडर खाली करें. शारीरिक स्वच्छता का पूरा ध्यान रखें. टॉयलेट में हाइजीन मेंटेन रखें.
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