मॉनसून में बढ़ जाता हैं हेपेटाइटिस-इ का खतरा

मॉनसून में अक्सर कई लोगों को बुखार, सर्दी और खांसी जैसे संक्रमण की समस्या हो जाती है. विशेषज्ञों की मानें तो गर्भवती, कमजोर इम्युन वाले बच्चे व बुजुर्गों को इस मौसम में हेपेटाइटिस-इ और ए संक्रमण का ज्यादा खतरा रहता है. दूषित पानी पीने से इसके अलावा दूषित भोजन व संक्रमित जानवरों का मांस खाने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 23, 2019 8:18 AM

मॉनसून में अक्सर कई लोगों को बुखार, सर्दी और खांसी जैसे संक्रमण की समस्या हो जाती है. विशेषज्ञों की मानें तो गर्भवती, कमजोर इम्युन वाले बच्चे व बुजुर्गों को इस मौसम में हेपेटाइटिस-इ और ए संक्रमण का ज्यादा खतरा रहता है. दूषित पानी पीने से इसके अलावा दूषित भोजन व संक्रमित जानवरों का मांस खाने से भी हेपेटाइटिस- इ व ए हो सकता है. इसके लक्षण आसानी से दिखाई नहीं देते हैं.

वायरस के संपर्क में आने के 2 से 7 सप्ताह के बाद ही कोई लक्षण दिखाई देता है. लक्षण आमतौर पर दो महीनों में दिखाई देते हैं. विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि साफ-सुथरा भोजन करें, गंदे भोजन और सब्जियां खाने से बचें. बिना पके फलों या सब्जियों के सलाद और जूस बनाते समय सावधानी बरतें. सड़क किनारे से खाने से बचें. शौच के बाद, भोजन तैयार करने और खाने से पहले हैंड वाश अवश्य करें.

Next Article

Exit mobile version