बिहार की राजधानी पटना में बढ़ रहा फिश स्पा का ट्रेंड, जानें फायदे
पटना : बड़े शहरों के तर्ज पर अब राजधानी पटना में भी फिश स्पा का ट्रेंड बढ़ता जा रहा है. फिश स्पा से आप अपने पैरों व हाथों को खूबसूरत और आकर्षक बना सकते हैं. साथ ही इससे पैरों के दर्द से भी राहत मिलती है. फिश स्पा पेडिक्योर का ही एक ट्रेंड है. इसमें […]
पटना : बड़े शहरों के तर्ज पर अब राजधानी पटना में भी फिश स्पा का ट्रेंड बढ़ता जा रहा है. फिश स्पा से आप अपने पैरों व हाथों को खूबसूरत और आकर्षक बना सकते हैं. साथ ही इससे पैरों के दर्द से भी राहत मिलती है. फिश स्पा पेडिक्योर का ही एक ट्रेंड है. इसमें गारा रुफा नामक मछली पैरों के डेड सेल्स को खत्म कर पैरों में पॉलिशिंग का काम करती है. इससे शरीर का ब्लड सर्कुलेशन भी नॉर्मल हो जाता है़ खास बात यह है कि इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता़ हालांकि मरीजों और स्कीन प्रॉब्लम वाले लोगों को फिश स्पा डॉक्टरी सलाह के बाद ही लेनी चाहिए.
स्पेशल मछलियों का किया जाता है इस्तेमाल
फिश स्पा के बॉक्स में आम मछलियां नहीं बल्कि स्पेशल मछलियां होती हैं, जिसे गारा रुफा फिश या डॉ फिश कहते हैं, जो पैरों का स्पा करती हैं. बताया गया कि इन मछलियों के अंदर डाइथ्रोइनोल एंजाइम होता है, जो पौरों के स्कीन के लिए फायदेमंद होता है. इस कारण ज्यादा संख्या में लोग इससे ट्रीटमेंट लेते हैं. इस बारे में बोरिंग रोड की स्वर्णिम कहती हैं कि मैंने फिश स्पा कराया है, जिससे काफी रिलैक्स फिल कर रही हूं. इससे पैरों की फटी चमड़ी भी बराबर हो गयी. वहीं पूर्णिमा कहती हैं कि मेरे साथ मेरे बच्चे भी स्पा का लुत्फ उठाते हैं. पहले वह मछलियों को देख कर डर रहे थे, लेकिन बाद में वे भी इसे एंज्वाय करने लगें क्योंकि स्पा के दौरान पैर में गुदगुदी होती है. बच्चों को इससे बड़ा मजा आता है.
बॉक्स में होती हैं 400 से लेकर 600 तक फिश
पटना में भी फिश स्पा का ट्रेंड बढ़ रहा है. हालांकि मेट्रो सिटी और विदेशों की तुलना में यहां यह शुरुआती दौर में है. फिश स्पा में िजस मछली का इस्तेमाल किया जाता है, उसे डॉक्टर फिश कहते हैं. इन मछलियों को एक साथ बॉक्स में रखा जाता है. उनकी संख्या 400 से 600 होती हैं. इस बॉक्स में पैर रख कर लोग इसका लुत्फ उठाते हैं. यह नजारा पटना के पी एंड एम मॉल और पटना सेंट्रल मॉल के अलावा अन्य कई जगहों पर भी देखा जा सकता है. यहां युवाओं के साथ-साथ बच्चे और बुजुर्ग भी स्पा का आनंद उठाते हैं.
काफी हैं फायदे
फिश स्पा से पैर की मरी हुई त्वचा खत्म हो जाती है और फिर से नयी त्वचा आ जाती है.
फिश स्पा से सरदर्द दूर होता है.
तनाव खत्म होता है और काफी सुकून मिलता है.
इससे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन भी ठीक हो जाता है तथा पैर काफी खूबसूरत दिखने लगते हैं.
इससे सिरोसिस, मस्सा और कॉलयूसिस नामक पैरों की बीमारियां दूर होती हैं.
15 मिनट की होती है प्रक्रिया
फिश स्पा के लिए महज 15 मिनट का समय तय होता है. एक बार में फिश बॉक्स में कोई भी 15 मिनट तक पैर रख कर स्पा करा सकता है. इसका चार्ज पी एंड एम मॉल में 149 रुपये प्रति व्यक्ति और दो लोगों का एक साथ 249 रुपये है. वहीं सेंट्रल मॉल में फेस्टिव सीजन को देखते हुए प्रति व्यक्ति 100 रुपये का स्पा चार्ज लिया जा रहा है, जो लोगों के बजट में है. इस बारे में बेली रोड की प्रतिज्ञा कहती हैं कि पार्लर में मेनी- क्योर, पेडी क्योर या फिश स्पा लेने में अच्छे-खासे पैसे देने पड़ते हैं. यह नेचुरल स्पा है इसलिए मैंने दो बार स्पा लिया है. इसमें समय भी कम लगता है.
ऐसे होता है फिश स्पा
सबसे पहले आपके पैर को साबुन से साफ करके उस पर एंटिसेप्टिक क्रीम लगायी जाती है. उसके बाद मछलियों से भरे बड़े टब में अपने पैरों को डालना होता है. पैर डालने पर मछलियां आपके पैर को काटना शुरू कर देती हैं, लेकिन डरने जैसी कोई बात नहीं. इससे दर्द नहीं होता है बल्कि आपको गुदगुदी महसूस होगी. मछलियां आपकी त्वचा को काटेंगी और जो भी मरी हुई त्वचा है, उसे खत्म कर देंगी.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
मैं एक बार विदेश गयी थी. वहां मैंने लोगों को फिश स्पा कराते देखा था. उसके बाद यहां आ कर गुगल पर सर्च किया तो इससे संबंधित कई तरह की जानकारी मिली. फिर मैंने डॉक्टर से कॉन्टैक्ट किया. हर तरफ से पॉजीटीव रिस्पांस मिला. फिर मैंने इसकी शुरुआत की.
– नूपुर, ओनर, हैप्पी जोन फिश स्पा
पटना में भी अब फिश स्पा का ट्रेंड बढ़ रहा है, लेकिन इसका इस्तेमाल करने के लिए सावधानियां भी बरतनी चाहिए. फिश बॉक्स में रखी पानी को बदलना चाहिए, जिस फिश का इस्तेमाल हो रहा है. उनका ट्रीटमेंट भी जरूरी है. पानी स्वच्छ हो और किसी तरह की इनफेक्शन न हो.
– डॉ विकास शंकर, स्कीन स्पेशलिस्ट