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बाल दिवस: काबिलियत के बूते ये बिहार के बच्चे बना रहे अपनी पहचान

पटना : आज बाल दिवस है. यानी 14 नवंबर. आज देशभर में आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री पं जवाहर लाल नेहरू की जयंती मनायी जायेगी. उनकी जयंती बाल दिवस के रूप में मनायी जाती है. नेहरू जी को बच्चों से बेहद लगाव था, इसलिए बच्चे उन्हें चाचा नेहरू कह कर संबोधित किया करते थे. बाल […]

पटना : आज बाल दिवस है. यानी 14 नवंबर. आज देशभर में आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री पं जवाहर लाल नेहरू की जयंती मनायी जायेगी. उनकी जयंती बाल दिवस के रूप में मनायी जाती है. नेहरू जी को बच्चों से बेहद लगाव था, इसलिए बच्चे उन्हें चाचा नेहरू कह कर संबोधित किया करते थे. बाल दिवस एक ऐसा आइना है जो बच्चों को उनके अधिकारों की याद दिलाता है और उनके कानूनी हक से उन्हें अवगत कराता है. आज हम राजधानी के कुछ ऐसे बच्चों की कहानी बता रहे हैं जो छोटी सी उम्र में बड़ी कामयाबी हासिल कर अपने राज्य और परिवार का नाम ऊंचा कर रहे हैं. जिन्होंने अपने बल पर अपनी एक अलग जगह बनायी है. पेश है एक रिपोर्ट.

मैग्जिन की एडिटर हैं अमिता
अमिता क्लासिकल डांसिंग द्वारा प्रकाशित बच्चों की मैग्जिन की एडिटर हैं. छठी कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा अमिता बताती हैं कि उन्हें कराटे, गायन, डांसिंग और संपादकीय में विशेष रुचि है. इसी साल उन्हें 18वें ऑल इंडिया मवते का सीतो रियो कराटे चैंपिंयनशिप में गोल्ड मेडल मिला है. अमिता बताती हैं कि वे बड़ी होकर आइएएस ऑफिसर बनना चाहती हैं.

साइंस कांग्रेस में सेलेक्ट हुआ प्रोजेक्ट
शाहपुर के रहने वाली रिया कुमारी रवींद्र बालिका विद्यालय में कक्षा 7वीं की छात्रा हैं. पिछले एक साल से वे किलकारी में विज्ञान विद्या में विभिन्न एक्टिविटी में भाग ले लेती रही हैं. 22 नवंबर को तारामंडल में आयोजित होने वाली प्रतियोगिता में टॉप 30 के लिए भाग लेंगी. इनका कहना है कि हमें विभिन्न तरह के एक्टिविटी में भाग लेना अच्छा लगता है.

पूजा ‘निनाद’ की रह चुकी हैं विजेता
पूजा पिछले एक साल से क्लासिकल सिंगिंग का प्रशिक्षण ले रही हैं. आवाज में मिठास होने की वजह से होम की मेंबर्स ने उन्हें म्यूजिक सीखने की सलाह दी. स्कूल में आयोजित होने वाले कंपीटीशन में हमेशा पुरस्कार जीत कर लाती हैं. वह निनाद प्रतियोगिता की विजेता भी रह चुकी हैं. क्लासिकल सिंगिंग की ट्रेनिंग ऋषिका शर्मा ले रही हैं.

बनना है वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर
शास्त्री नगर गर्ल्स हाइ स्कूल की कक्षा दसवीं छात्रा मौसम को फोटोग्राफी बेहद पसंद है. 2016 में पहली बार कैमरा पकड़ा और कई सारी तस्वीरों को खींच डाली. मौसम किलकारी और अन्य प्रशिक्षकों की मदद से फोटोग्राफी के बेसिक ट्रेनिंग ले चुकी हैं. बिहार म्यूजियम में फोटोग्राफी प्रतियोगिता में उन्हें पार्टिसिपेटिंग सर्टिफिकेट मिल चुका है.

मिल चुका है प्रथम पुरस्कार
किलकारी के अर्पित कुमार, अभिजित कुमार और अक्षत आदर्श ने मिल कर आर्सेनिक फिल्ट्रेशन डिवाइस तैयार की है. वे बताते हैं कि यह डिवाइस आर्सेनिक नामक जानलेवा तत्व को पानी से फिल्टर करता है. इस डिवाइस के जरिये 99 प्रतिशत आर्सेनिक के साथ-साथ फ्लूराइड, आइरन और अन्य हेवी मेटल को हटाया जा सकता है.

एड मैड इवेंट के विजेता रहे अमित
मखनिया कुआं के रहने वाले अमित को एक्टिंग करना पसंद है. 2014 से किलकारी में थिएटर के प्रशिक्षक रवि भूषण से प्रभावित होकर इन्होंने एक्टिंग करना सीखा. इस दौरान वे थिएटर और फिल्म फेस्टिवल में कई नाटकों में प्ले किया. शॉर्ट फिल्म ‘कचरापुल’ में भी एक्टिंग की. वहीं डॉक्यूमेंट्री फिल्म के साथ एहसास और गांधी प्रिंसिपल डाय जैसे शॉर्ट फिल्मों का निर्माण भी किया.

आर्यन को प्रोफेसर बनने की है तमन्ना
बालक मध्य विद्यालय धवलपुरा के कक्षा 7वीं के छात्र आर्यन को लिखना बेहद पसंद है. समसामयिक मुद्दों और दिये गये विषयों पर कविता, कहानी और लघु कथा लिखना पसंद है. इसी साल सूचना एवं जनसंचार विभाग, भारत सरकार की ओर से आयोजित निबंध प्रतियोगिता में इन्हें द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ है.

स्टार प्लेयर का मिल चुका है खिताब
काजीपुर के रहने वाले शशिकांत राम मोहन राय सेमिनरी स्कूल में कक्षा नवीं के छात्र हैं. शशि बताते हैं कि वे पहले किलकारी में नाटक विधा में सीखा करते थे, लेकिन जब वे अन्य बच्चों को बॉल बैडमिंटन खेलते हुए देखते थे तो उन्हें काफी भाता था. इस खेल के प्रति बढ़ते रुझान की वजह से उन्होंने एक्टिंग छोड़कर 2016 से बॉल बैडमिंटन का प्रशिक्षण लेना शुरू कर दिया.

रोशनी को मिल चुका है कांस्य पदक
सैदपुर भीखना पहाड़ी की रहने वाली रोशनी स्प्रिंगफील्ड स्कूल में कक्षा छठी की छात्रा हैं. वे 2016 से बैडमिंटन खेल रही हैं. रोशनी बताती हैं कि मैंने अबतक डिस्ट्रिक्ट, स्टेट और नेशनल लेवल पर 11 प्रतियोगिताओं में भाग लिया. मेरी आइडल पीबी सिंधू हैं. मेरे ट्रेनर पवन कुमार हैं जिनका हमेशा भरपूर सहयोग मिलता है. इसी साल आयोजित हुए स्कूल गेम्स एंड फेडरेशन ऑफ इंडिया कंपीटीशन में डिस्ट्रिक्ट लेवल पर कांस्य पदक और स्टेट लेवल पर रनर अप रही हूं. मैं बड़ी होकर बैडमिंटन प्लेयर बनना चाहती हूं.

राष्ट्रीय स्केटिंग प्रतियोगिता में हुई चयनित
संत माइकल हाइ स्कूल में यू केजी में पढ़ने वाली सान्वी ने स्केटिंग में दो पदक जीत कर स्कूल का नाम रोशन किया है. उसे सीबीएसइ के जोनल कलस्टर स्केंटिंग प्रतियोगिता के अंडर 8 बालिका वर्ग में रजत और कांस्य पदक मिला है. कर्नाटक के बेलगाम में 27 से 30 नवंबर तक चलने वाले सीबीएसइ की राष्ट्रीय स्केटिंग प्रतियोगिता के लिए भी सान्वी का चयन हुआ है. उसके पिता डॉ विशाल शर्मा ने बताया कि सब कुछ सही रहा तो सान्वी में नेशनल चैंपियन बनने की भी क्षमता है.

एसओएफ ओलंपियाड में किया ओवर ऑल टॉप
संत माइकल हाइ स्कूल के क्लास 5 के सोहम अखिल को एसओएफ ओलंपियाड 2018-19 में ओवर ऑल सब्जेक्ट में प्रथम पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया. इसके अलावा उन्होंने टैलेंट एक्स टेस्ट में भी पूरे बिहार में 7वां रैंक हासिल किया. अपनी सफलता में उन्होंने माता पिता के साथ स्कूल व वहां के शिक्षकों के योगदान की बात कहते हुए बताया कि मुझे इंटरनेशनल लेवल ओलंपियाड में जाकर अपने देश का नाम रोशन करना है और साइंस में अपनी एक अलग पहचान बनानी है.

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