स्ट्रेस फ्री करती है यह थेरेपी

एंग्जाइटी या डिप्रेशन के कुछ मरीजों को सिर्फ दवाइयों से आराम हो जाता है, जबकि कुछ को दवाइयों के साथ थेरेपी की भी जरूरत होती है. कॉग्नेटिव विहेवियरल थेरेपी के तहत एक विशेष थेरेपी में काउंसेलर मरीजों को उनके ‘हैप्पी मोमेंट्स’ याद करने के लिए कहते हैं. येल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया कि तनाव […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 17, 2019 7:09 AM
एंग्जाइटी या डिप्रेशन के कुछ मरीजों को सिर्फ दवाइयों से आराम हो जाता है, जबकि कुछ को दवाइयों के साथ थेरेपी की भी जरूरत होती है. कॉग्नेटिव विहेवियरल थेरेपी के तहत एक विशेष थेरेपी में काउंसेलर मरीजों को उनके ‘हैप्पी मोमेंट्स’ याद करने के लिए कहते हैं.
येल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया कि तनाव होने पर लोग जीवन के खुशियों भरे पलों को याद करें, तो उन्हें इससे उबरने में मदद मिलती है. दरअसल, इस थेरेपी से तनाव का डायवर्जन होता है, जिससे दिमाग की मसल्स पर तनाव कम होता है. ब्रेन में हैप्पी हॉर्मोन्स का फ्लो बढ़ता है और एंग्जाइटी लेवल नीचे आने लगता है. हालांकि कुछ लोगों में कोई खास म्यूजिक, सॉन्ग या फूड भी ऐसे काम कर सकते हैं. वहीं, जिन्हें संकरी जगहों में जाने में घबराहट होती है, उनमें एक्सपोजर थेरेपी कारगर होती है.

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