पहल : मध्य प्रदेश पुलिस ने गर्ल्स स्कूल, कॉलेज, हॉस्टल, कोचिंग के बाहर लगायी ”बेटी की पेटी”
ग्वालियर (मध्यप्रदेश): मध्यप्रदेश पुलिस ने एक नया प्रयोग करते हुए ग्वालियर रेंज के चार जिलों में हर गर्ल्स कॉलेज, स्कूल, कॉलेज, हॉस्टल और कोचिंग के बाहर एक शिकायत पेटी लगानी शुरू कर दी है. इस पेटी में छात्राएं और महिलाएं गोपनीय शिकायत कर सकेंगी. पुलिस प्रतिदिन इन शिकायतों को एकत्र करके तुरंत कार्रवाई करेगी और […]
ग्वालियर (मध्यप्रदेश): मध्यप्रदेश पुलिस ने एक नया प्रयोग करते हुए ग्वालियर रेंज के चार जिलों में हर गर्ल्स कॉलेज, स्कूल, कॉलेज, हॉस्टल और कोचिंग के बाहर एक शिकायत पेटी लगानी शुरू कर दी है. इस पेटी में छात्राएं और महिलाएं गोपनीय शिकायत कर सकेंगी.
पुलिस प्रतिदिन इन शिकायतों को एकत्र करके तुरंत कार्रवाई करेगी और रेंज के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) इसकी निगरानी करेंगे. इस नवाचार की शुरुआत मंगलवार को ग्वालियर रेंज के एडीजी राजाबाबू सिंह ने यहां जीवाजी विश्वविद्यालय में की.
गुलाबी रंग की इस पेटी को ‘बेटी की पेटी’ का नाम दिया गया है. एडीजी राजाबाबू सिंह ने बुधवार को बताया, पुलिस की प्राथमिकता में महिलाओं की सुरक्षा सबसे ऊपर है.
उन्होंने कहा, पुलिस ने एमपीपी-कॉप ऐप भी बनाया था एवं निर्भया मोबाइल यूनिट भी बनायी. लेकिन यह देखा गया कि कुछ महिलाएं सही प्रकार से शिकायत नहीं कर पा रही हैं. कुछ लड़कियां मोबाइल फोन से भी शिकायत करने में हिचकिचाती हैं.
सिंह ने बताया, इसके चलते ग्वालियर पुलिस ने यह एक नया काम किया, जिसमें हर गर्ल्स स्कूल, कॉलेज, हॉस्टल और कोचिंग के बाहर यह ‘बेटी की पेटी’ लगायी जाएगी. उन्होंने कहा कि इसमें गर्ल्स व महिलाएं गोपनीय तरीके से शिकायतें डाल सकती हैं.
इन शिकायतों को प्रतिदिन महिला पुलिसकर्मी एकत्र करके संबंधित थाने लायेंगी और उन पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि प्रतिदिन इसकी निगरानी एडीजी के दफ्तर में होगी. इससे महिलाओं में सुरक्षा की भावना मजबूत होगी.
सिंह ने कहा कि इस बेटी की पेटी में छेड़छाड़, कमेंट्स करने, पीछा करने सहित सभी प्रकार की शिकायतें एक सादा कागज पर लिखकर कर सकती हैं. इसमें नाम और अपना मोबाइल नंबर लिखना जरूरी नहीं होगा. गोपनीय शिकायत की सत्यता जांचकर पुलिस तुरंत कार्रवाई कर सकेगी.