मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनायी जायेगी. इस पर्व को अलग-अलग रूपों में सेलिब्रेट किया जाता है़ सबकी अपनी-अपनी मान्यताएं भी हैं. इस त्योहार में तिल, चूड़ा और गन्ने से बने गुड़ का सेवन करते हैं. हालांकि सबसे अधिक महत्व तिल का होता है़ भारतीय परंपरा में तिल का सेवन जरूरी होता है़ यही कारण है कि इस पर्व को तिल संक्रांति के रूप में भी जाना जाता है़ इन सभी चीजों के सेवन के पीछे वैज्ञानिक पहलू भी है.
मकर संक्रांति में इस्तेमाल होनेवाली सामग्री पौष्टिक होती है़ साथ ही ठंड में शरीर को गर्म रखने में मदद भी करती हैं. अभी के मौसम में ठंडी हवा ज्यादा प्रभावशाली होती है. बारिश की भी संभावना रहती है़ शरीर में रूखापन बढ़ता है. इसमें ये चीजें काफी फायदेमंद साबित होती हैं.
तिल से नियंत्रित होता है रक्तचाप
तिल से बने खाने पीने की चीजें सेहत के लिए काफी फायदेमंद है़ तिल, गुड़ और चीनी की तासीर गर्म होती है. इसलिए इसके मिश्रण से बननेवाली तिलकुट या अन्य सामग्री शरद ऋतु में स्वास्थ्य के लिए लाभदायी होती है. तिल से कई फायदे है़ं उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में यह काफी कारगर है. रक्तचाप नियंत्रित रहने से दिल पर ज्यादा भार नहीं पड़ता है. यह हृदयाघात के खतरे को भी कम करता है. मधुमेह में भी तिल का सेवन फायदेमंद होता है़ तिल में भरपूर मात्रा में विटामिन और खनिज तत्व के अलावा कैल्सियम पाया जाता है. यह हड्डियों के लिए भी काफी फायदेमंद है.
हमारी याददाश्त को बढ़ाता है गुड़
गन्ने के रस को पकाकर गुड़ तैयार किया जाता है़ यह सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद है. यह सेहत, शरीर, और त्वचा के साथ-साथ कई चीजों के लिए बहुत ही फायदेमंद है. स्वाद में मीठे गुड़ की तासीर गर्म होती है. सर्दी के साथ-साथ गुड़ कान के दर्द में भी फायदेमंद हैं. गुड़ खाने से खून बढ़ता है. यह भूख को बढ़ाता है. इसके सेवन से आंखों की रोशनी बढ़ती है. गुड़ खाने से इंसान की याददाश्त भी तेज हो जाती है.
दही से बढ़ती है पाचन शक्ति
दही में प्रोटीन, लैक्टोज, आयरन, कैल्शियम, फास्फोरस पाया जाता है. आयुर्वेद के अनुसार दही गर्म तासीर वाली, गुरु, चिकनाई युक्त, और पाचन शक्ति बढ़ाने वाला होता है. यह लैक्टोबेसिलस का मुख्य स्रोत है जो पेट के रोगों में फायदा करता है़ गर्म तासीर के कारण हेमंत और शिशिर ऋतु में दही का सेवन अच्छा माना गया है.
तिलकुट की सोंधी खुशबू
रांची: मकर संक्रांति को लेकर बाजार में उल्लास पसरा हुआ है. बाजार में साधारण से लेकर बासमती व कतरनी चूड़ा की बिक्री हो रही है. साथ ही बादाम पट्टी, तिल पट्टी, तिल लड्डू की बिक्री हो रही है. तिलकुट की सौंधी महक बिखरी हुई है. चौक-चौराहों पर तिलकुट का बाजार सज गया है. महावीर चौक पर तिलकुट विक्रेता विनय शंकर ने बताया कि इस बार बाजार में ऑन द स्पॉट तिलकुट बनवाने की सुविधा है़ सबसे ज्यादा खोवा तिलकुट की डिमांड है़ काजू और खजूर गुड़ के तिलकुट की भी बिक्री हो रही है. ड्राइ फ्रूट्स तिलकुट भी सबका मन मोह रहे हैं.
यहां जानिए कीमत
बासमती चूड़ा-80
भागलपुरी प्लेन चूड़ा-45
प्लेन चूड़ा-30-35
लड्डू गुड़-38-40
चौसा गुड़-34-36
सामान्य तिलकुट-250-320
चीनी तिलकुट-250-320
गुड़ तिलकुट-240-280
खोवा तिलकुट-400-440
खोवा व ड्राइ फ्रूट्स तिलकुट-500
तिल पापड़ी-300-320
तिल लड्डू-280-300
चूड़ा लाई-30 रुपये प्रति पाव
नोट : कीमत रुपये प्रति किलो