पूरी दुनिया में 4 फरवरी का दिन World Cancer Day के नाम से मनाया जाता है. इस बीमारी का नाम सुनकर ही लोग बेचैन हो उठते हैं. इसका कारण बिल्कुल साफ है. यदि कोई इस बीमारी की चपेट में आ जाता है तो उसके घर की माली हालत खराब तो होती ही है, साथ में इसका इलाज भी कष्टकारी होता है.
देश में कैंसर के मरीज लगातार बढ़ते जा रहे हैं. जितने भी कैंसर के मरीज हैं, उनमें सबसे ज्यादा तंबाकू जनित कैंसर के मरीज हैं. ऐसे मरीजों की कुल संख्या 50-60 फीसदी हैं. अगर लोग तंबाकू मसलन खैनी, सिगरेट, बीड़ी आदि को छोड़ दें, तो 50-60 फीसदी मरीजों की संख्या खुद ही कम हो जायेगी. तंबाकू के कारण ओरल कैंसर, फेफड़ा का कैंसर आम बात हो है. शहर के चर्चित कैंसर विशेषज्ञ व सवेरा कैंसर हॉस्पिटल के एमडी डॉ विजय प्रताप सिंह से ये बातें प्रभात खबर के नितिश कुमार से साझा की.
40 वर्ष की उम्र के बाद हर साल पूरे शरीर की जांच कराएं : ओरल कैंसर, फेफड़ा का कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, आंत से संबंधित कैंसर, गॉल ब्लाडर कैंसर आदि की शिकायत लगातार सामने आ रही है. महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर आम बात हो गयी है. गंगा किनारे के शहरों में सर्वाइकल कैंसर की लगातार शिकायत मिल रही है. इसके लिए गंगा नदी में प्रदूषण मुख्य कारणों में से एक है. महिलाओं में बच्चेदानी का कैंसर आम बात हो गयी है. लेकिन इनमें से अधिकतर कैंसरों से आसानी से बचा जा सकता है, अगर आप तंबाकू खाना बंद कर दें. गंदगी से दूर रहें और खान-पान सही रखें. 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोग हर साल अपने शरीर की स्क्रीनिंग कराएं. इससे अगर कैंसर भी होगा, तो भी पहले ही स्टेज में पता चल जायेगा और उनका इलाज किया जा सकता है.
कैंसर के लक्षण
मुंह में छाला, लाल, काला, सफेद दाग
अल्सर का ठीक न होना
आवाज में बदलाव
खांसी अगर ठीक न हो
सांस लेने में तकलीफ होना