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हेल्‍दी रहना है तो जंक फूड को कहें बाय-बाय

जिंदगी की भागदौड में हमारा फूड कल्‍चर पूरी तरह से बदल चुका है. लोगों को हर वक्‍त जल्‍दबाजी होती है अपने काम को पूरा करने की. समय के साथ रहन-सहन, बातचीत और पहनावे के साथ हमारे खानपान में भी काफी बदलाव आया है. समय ना रहने के वजह से जो कुछ भी जल्‍दी से बनने […]

जिंदगी की भागदौड में हमारा फूड कल्‍चर पूरी तरह से बदल चुका है. लोगों को हर वक्‍त जल्‍दबाजी होती है अपने काम को पूरा करने की. समय के साथ रहन-सहन, बातचीत और पहनावे के साथ हमारे खानपान में भी काफी बदलाव आया है. समय ना रहने के वजह से जो कुछ भी जल्‍दी से बनने वाला खा़द्य पदार्थ घर में मौजूद है वहीं बन जाता है. लेकिन क्‍या कभी आपने सोंचा कि इसका हमारे शरीर पर क्‍या प्रभाव पड सकता है. जिस चीज (भोजन) के लिए लोग दिनभर भागदौड में लगे हैं आज उसी के लिए उनके पास वक्‍त नहीं हैं.

वडा पाव, समोशा, पिज्‍जा,बर्गर, रोल, चौमिन,चिली, फैंच फ्राइज यह सब किसे नहीं पसंद लेकिन इनका हमारे शरीर पर होने वाला नुकसान भी कम नहीं हैं. घर से बाहर निकलते ही जितनी भीड जूस कॉर्नर पर देखने को नहीं मिलती उससे कहीं ज्‍यादा लोग हाथ में टोकन कटाए चौमिन के लिए अपनी बारी का इंतजार करते नजर आ जाते हैं. डॉक्‍टर्स भी आजकल यूथ में बढते जंक फूड के क्रेज को लेकर काफी चिंतित हैं. उनका मानना है कि इन सबका लंबे समय में आपके शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव पडता है.

आइए जानते हैं किस तरह से हानिकारक है जंक फूड आपके स्‍वास्‍थ्‍य के लिए:

* जंक फूड का सेवन करना आपको थकाने के लिए काफी है. यह आपकी भूख तो तुरंत शांत कर देता है. लेकिन यह आपको लेजी भी बना सकता है. असल में इन खा़द्य पदार्थों में आवश्‍यक पोषक तत्‍व जैसे प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट की कमी होती है और मैदे और तेल से बने यह पदार्थ आपमें इनर्जी लेवल की कमी कर आपमें ऊर्जा कमी कर सकते हैं.

* लगातार जंक फूड का सेवन टीनेजर्स में डिप्रेशन का कारण बन सकता है. बढती उम्र में बच्‍चों कई तर‍ह के बायोलॉजिकल बदलाव आने लगते हैं. हार्मोन्‍स में बदलाव उनके बिहेवियर और नेचर मेकं बदलाव का कारण होता है. ऐसे में सही खानपान और उचच क्‍वालिटी के पोषक तत्‍व वाला खाना उनके शरिरिक और मान‍सिक विकास के लिए उपयुक्‍त है. जंक फूड जैसे चौमिन, पिज्‍जा,बर्गर, रोल खाना बढते बच्‍चों के लिए मुश्किल का सबब बन सकता है. कभी-कभी वो डिप्रेशन में भी जा सकते हैं. इसके सेवन से यूथ में डिप्रेशन की समस्‍या 58 प्रतशित तक बढ जाती है.

* फास्‍ट फूड या जंक फूड आपकी पाचन क्रिया को भी प्रभावित करता है. ज्‍यादातर खाना तेल में डीप फ्राई होने के वजह से इसमें मौजूद तेल पेट में जमा होने लगता है जिससे एसीडीटी की समस्‍या उत्‍पन्‍न हो सकती है. इन खानों में फाइबर्स की कमी होने की वजह से भी ये खाद्य पदार्थ पचने में दिक्‍कत करते हैं.

* फास्‍ट फूड का सेवन खून में सुगर लेवल को बढा-घटा सकता है. इन चीजों में रिफाइन्‍ड सुगर की बहुत अधिक मात्रा पायी जाती है. जि‍सके वजह से खून में सुगर की मात्रा को संतुलित करने के लिए अमाशय को अत्‍यधिक मात्रा में इंसुलिन स्रावित करना पडता है. इनमें कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन की मात्रा में कमी होने के कारण कभी-कभी खून में सुगर की मात्रा बहुत कम हो जाती है. जो आपमें चिडचिडापन ला सकता है.

* जंक फूड का ज्‍यादा इस्‍तेमाल आपकी दिमाग की शक्ति को कम कर सकता है. हाल में चूहों पर किये गये शोध से पता चला कि लगातार एक सप्‍ताह तक फास्‍ट फूड खाने से उनकी दिमागी शक्ति पर प्रतिकूल प्रभाव पडा. इन खाद्य पदार्थों में मौजूद ट्रांस फैट शरीर में मौजूद लाभदायक फैट को रिप्‍लेस करके दिमाग की कार्य क्षमता को बुरी तरह से प्रभावित करता है.

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