अनिद्रा के क्या हैं खतरे

सिर्फ एक सप्ताह की अपर्याप्त नींद हमारे तनाव, रोग प्रतिरोधक क्षमता, दर्द और पूरे स्वास्थ्य को प्रभावित करनेवाली जीनों में परिवर्तन लाने की क्षमता रखती है. जानिए अनिद्रा से होनेवाली गंभीर समस्याएं. तेज गुस्सा आना : कम सोने से दिमाग में एंटीसिपेट्री रिएक्शन बढ़ जाता है. इससे तेज गुस्सा आता है. बॉडी क्लॉक में गड़बड़ी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 10, 2014 1:05 PM
सिर्फ एक सप्ताह की अपर्याप्त नींद हमारे तनाव, रोग प्रतिरोधक क्षमता, दर्द और पूरे स्वास्थ्य को प्रभावित करनेवाली जीनों में परिवर्तन लाने की क्षमता रखती है. जानिए अनिद्रा से होनेवाली गंभीर समस्याएं.
तेज गुस्सा आना : कम सोने से दिमाग में एंटीसिपेट्री रिएक्शन बढ़ जाता है. इससे तेज गुस्सा आता है.
बॉडी क्लॉक में गड़बड़ी : इससे श्वेत रक्त कोशिकाओं का स्वास्थ्य बिगड़ जाता है. साथ ही तनाव सहने की क्षमता में कमी आती है.
बढ़ता है स्ट्रोक का खतरा :
कम सोने से हृदय का स्वास्थ्य प्रभावित होता है. इसके कारण दिमाग तक रक्त न पहुंचने का खतरा बढ़ता है. इससे स्ट्रोक हो सकता है.
बढ़ता है ब्रेस्ट कैंसर का खतरा :
रात को कम सोने और रोशनी में अधिक देर तक रहने से मेलाटोनिन का प्रोडक्शन कम होता है. इससे एस्ट्रोजेन का प्रोडक्शन अधिक होता है और ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ता है.
खाने की क्षमता होती है प्रभावित :
सोने से भोजन से जुड़े हॉर्मोन संतुलित रहते हैं और भूख लगने या पेट भरे होने का एहसास होता है. कम सोने से यह प्रभावित होता है.
डिप्रेशन का अत्यधिक बढ़ जाना : कम सोने के कारण मूड को सही रखनेवाले न्यूरोट्रांसमीटर्स में कमी आती है, जिससे डिप्रेशन बढ़ता है.
इंपेयर्ड कॉगिAशन : इसमें दिमाग प्रभावित होता है. अर्थात् सोचने-समझने और काम करने की क्षमता प्रभावित होती है.
हो सकता है हाइपरटेंशन :
रात में मात्र पांच या छह घंटे सोने से हाइ बीपी का खतरा बढ़ जाता है.
अन्य हृदय रोगों की भी आशंका : हमारे सोने के बाद ब्लड प्रेशर घट जाता है. इससे हृदय को आराम मिलता है. कम सोने से ऐसा नहीं हो पाता है और हृदय रोग का खतरा बढ़ता है.
डायबिटीज का खतरा :
कम सोने से तनाव बढ़ता है. इससे कोर्टिसॉल हॉर्मोन का स्नव बढ़ता है. यह इंसुलिन रेजिस्टेंस को बढ़ाता है.
इंज्युरी का खतरा अधिक होना
लोग महीने में कम-से-कम एक बार बिना किसी कारण के दिन में जरूर सोते हैं.

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