बेवजह बायोप्सी अब हो सकेगी कम

त्वचा में मस्सा होना आम बात है. कुछ मस्से सामान्य होते हैं, लेकिन कुछ कैंसर का रूप ले लेते हैं. इसे ही त्वचा कैंसर या मेलानोमा कहते हैं. सबसे अधिक परेशानी होती है यह पता करने में कि सामान्य-सा दिखनेवाला मस्सा कैंसर है या नहीं. इसके लिए अक्सर मस्से की बायोप्सी करनी पड़ती है. अब […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 10, 2014 2:07 PM
त्वचा में मस्सा होना आम बात है. कुछ मस्से सामान्य होते हैं, लेकिन कुछ कैंसर का रूप ले लेते हैं. इसे ही त्वचा कैंसर या मेलानोमा कहते हैं. सबसे अधिक परेशानी होती है यह पता करने में कि सामान्य-सा दिखनेवाला मस्सा कैंसर है या नहीं. इसके लिए अक्सर मस्से की बायोप्सी करनी पड़ती है.
अब अमेरिका की मेला फाइंड कंपनी ऑप्टिकल स्कैनर लेकर आयी है. यह डिवाइस टिश्यू मोरफोलॉजी एनालिसिस का कार्य करता है. डिवाइस कैंसर की पुष्टि तो नहीं करता, लेकिन डॉक्टर को इतने आंकड़े उपलब्ध करा देता है कि वह बायोप्सी करने या न करने का निर्णय ले सकते हैं. इसके आने से बेवजह बायोप्सी की संख्या में काफी कमी आयेगी, क्योंकि अधिकतर बायोप्सी में कैंसर के न होने की पुष्टि होती है.
इससे रोगी को सजर्री की परेशानी तो उठानी ही पड़ती है, साथ ही शरीर पर सजर्री के दाग भी रह जाते हैं. मरीज का समय और पैसा भी बरबाद होता है. इस मशीन में मिसाइल नेवीगेशन तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. यह मशीन संदेहास्पद लगनेवाले मस्से की सतह को 10 इलेक्ट्रो मैंग्‍नेटिक वेवलेंथवाली तरंगों द्वारा स्कैन करता है. इससे प्राप्त किये गये आंकड़ों को प्रोसेस करने के लिए जटिल एल्गोरिद्म का प्रयोग होता है. इसमें मेलानोमा के 10 हजार इमेज रजिस्टर किये गये हैं. ये आंकड़ों को इमेज से मैच कराता है और मेलानोमा की पहचानने में मदद करता है.

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