हृदय-पेट रोग दूर रखते हैं ये बिंदु

डीएचएमएस (ऑनर्स), पीएचडी, अध्यक्ष, बिहार एक्यूप्रेशर योग कॉलेज, पटना पिछले अंकों में एक्यूप्रेशर बिंदु छक-4, छ4-7 दो ऑब्जेक्टिव प्रभाव-होमियोस्टेटिक प्रभाव एवं शरीर की प्रतिरक्षा शक्ति बढ़ानेवाले प्रभाव और एक्युबिंदु रस्र-6 और वइ-40 की चरचा की गयी थी. इस अंक में -7 और र3-36 की चरचा की गयी है. ये बिंदु हृदय रोगों और पेट रोगों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 10, 2014 2:10 PM
डीएचएमएस (ऑनर्स), पीएचडी, अध्यक्ष, बिहार एक्यूप्रेशर योग कॉलेज, पटना
पिछले अंकों में एक्यूप्रेशर बिंदु छक-4, छ4-7 दो ऑब्जेक्टिव प्रभाव-होमियोस्टेटिक प्रभाव एवं शरीर की प्रतिरक्षा शक्ति बढ़ानेवाले प्रभाव और एक्युबिंदु रस्र-6 और वइ-40 की चरचा की गयी थी. इस अंक में -7 और र3-36 की चरचा की गयी है. ये बिंदु हृदय रोगों और पेट रोगों के उपचार में अधिक लाभकारी हैं.
-7- यह बिंदु हृदय चैनल से संबंधित है. यह बिंदु धड़कन, चिंता, हिस्टीरिया, अनिद्रा, मानसिक विकृति, हृदय संबंधी व्याधियों में लाभदायक है.
र3-36 – यह स्टोमक चैनल पर 36 वां बिंदु है तथा घुटना पर पैटेला के नीचे के बाहरी गड्ढे से चार अंगुल ठीक नीचे स्थित है जो चित्र में दरशाये गये इस बिंदु के स्थान से स्पष्ट है.
इसका प्रभाव उदर चैनल पर विशेष रूप से पड़ता है तथा उदर चैनल से संबंधित रोगों की चिकित्सा के लिए उपयोगी है. गैस्ट्रायटिस, जी मिचलना या वमन करने की इच्छा, वमन होना, इन्ट्राइटिस, डायरिया, ओबेसिटी, कब्ज, एपेन्डिसाइटिस एवं डायजेस्टिव ट्रैक्ट की लगभग सभी बीमारियों के साथ-साथ पैर के लकवा, एवं पॉलीन्यूरोपैथी (बहुतंत्रिका विकृति) में लाभप्रद है. यह एक जेनरल टोनीफिकेशन एवं होमियोस्टेटिक बिंदु है. अगले अंक में जीवी-1 और जीवी-20 के बारे में जानकारी दी जायेगी.
(क्रमश:)
डॉ सर्वदेव प्रसाद गुप्ता
(एक्यूप्रेशर विशेषज्ञ)

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