कृत्रिम पेन्क्रियाज करेगा शुगर कंट्रोल
टाइप 1 डायबिटीज की समस्या में शरीर में इंसुलिन का बनना बंद हो जाता है. इस कारण शरीर में शुगर लेवल बढ़ जाता है. यह रोग बच्चों में भी हो सकता है. इसके कारण जीवन भर रोगी को इंसुलिन लेना पड़ता है. इसके लिए यूनिवर्सिटी ऑफ मॉन्ट्रियल के वैज्ञानिकों ने आर्टिफिसियल पेन्क्रियाज बनाया है. यह […]
टाइप 1 डायबिटीज की समस्या में शरीर में इंसुलिन का बनना बंद हो जाता है. इस कारण शरीर में शुगर लेवल बढ़ जाता है. यह रोग बच्चों में भी हो सकता है. इसके कारण जीवन भर रोगी को इंसुलिन लेना पड़ता है. इसके लिए यूनिवर्सिटी ऑफ मॉन्ट्रियल के वैज्ञानिकों ने आर्टिफिसियल पेन्क्रियाज बनाया है.
यह नया पेन्क्रियाज डायबिटीज के अन्य उपचार के मुकाबले काफी प्रभावशाली माना जा रहा है. इससे हाइपोग्लेसेमिया का खतरा भी कम होता है. यह एक्सटर्नल डिवाइस है अर्थात इसे शरीर के अंदर लगाने की जरूरत भी नहीं पड़ती है. यह आर्टिफिसियल पेन्क्रियाज एक ऑटोमेटेड सिस्टम है, जो सामान्य पेन्क्रियाज को सिम्यूलेट करने का कार्य करता है. अर्थात् ब्लड में शुगर के लेवल के अनुसार खुद ही इंसुलिन की डिलिवरी करता है. इसे दो कॉन्फिगरेशन में बनाया गया है. पहला सिंगल हॉर्मोन प्रकार का है. इससे सिर्फ इंसुलिन की डिलिवरी होती है. दूसरा डुअल हॉर्मोन प्रकार का डिवाइस है. इस डिवाइस से इंसुलिन और ग्लूकागोन दोनों का स्नव होता है. इंसुलिन ब्लड में शुगर लेवल को घटाने का कार्य करता है और ग्लूकागोन इसे बढ़ाने का कार्य करता है. इस तरह यह ब्लड शूगर की कमी होने या अधिक होने दोनों ही स्थितियों से निबटने में सक्षम है. दोनों हॉर्मोनों का स्नव करने के कारण ही यह बिल्कुल असली पैन्क्रियाज की तरह काम करता है.
इस डिवाइस का क्लिनिकल ट्रायल हो चुका है और इसमें सफलता भी मिली है. जल्द ही इसके बाजार में आने की संभावना है. इसके आ जाने के बाद बार-बार इंसुलिन लेने की समस्या से छुटकारा मिल जायेगा. इससे रोगी सामान्य जीवन जी सकेगा.