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ग्रीन होने का है मौसम : जानिए कौन सी सब्जी किस बिमारी में है फायदेमंद
नीलम सिंह सीनियर डायटीशियन, मैक्स अस्पताल, दिल्ली सब्जियां तो हर मौसम में होती हैं, लेकिन नवंबर से लेकर फरवरी तक के मौसम में बाजार विशेष रूप से इनसे हरा-भरा दिखाई पड़ता है. जब कुदरत ने हमें पोषण के इतने सारे स्नेत सहज उपलब्ध कराये हैं, तो क्यों न इनका भरपूर लाभ उठाया जाये. वैसे भी […]
नीलम सिंह
सीनियर डायटीशियन, मैक्स अस्पताल, दिल्ली
सब्जियां तो हर मौसम में होती हैं, लेकिन नवंबर से लेकर फरवरी तक के मौसम में बाजार विशेष रूप से इनसे हरा-भरा दिखाई पड़ता है. जब कुदरत ने हमें पोषण के इतने सारे स्नेत सहज उपलब्ध कराये हैं, तो क्यों न इनका भरपूर लाभ उठाया जाये. वैसे भी यह मौसम स्वास्थ्य के लिए सबसे अनुकूल माना गया है. मेटाबॉलिज्म को दुरुस्त रखने में कितनी मददगार हैं हरी सब्जियां, बता रहे हैं हमारे विशेषज्ञ.
गरमियों के मुकाबले सर्दी के मौसम में ढेर सारी हरी सब्जियां सहज उपलब्ध होती हैं. वहीं सस्ती होने से हर वर्ग के लोग इनका भरपूर लाभ उठा सकते हैं. इसके अलावा ये सब्जियां ताजी होती हैं अर्थात् सीधे खेतों से बाजार में पहुंचती हैं. इससे इनमें स्टोर की गयी सब्जियों से अधिक पोषक तत्व होते हैं.
हरी सब्जियां शरीर को स्वस्थ बनाये रखती हैं. कुछ सब्जियां कच्चे रूप में खाने पर ही अधिक फायदेमंद होती हैं. जानिए प्रमुख सब्जियों के फायदे.
पालक : इसमें विटामिन-ए, आयरन, एंटी ऑक्सीडेंट्स आदि पर्याप्त मात्र में होते हैं. विटामिन सी और आयरन मेटाबॉलिज्म ठीक रखते हैं. इससे कैलोरी तेजी से बर्न होती है और वजन नहीं बढ़ता. इसका ग्लाइकेमिक इंडेक्स लेवल कम होता है, जो बॉडी ग्लूकोज लेवल को सामान्य रखने में कारगर है. आंखों की कमजोरी, खून की कमी और बाल झड़ने में भी इसका सेवन काफी लाभदायक है.
मेथी का साग : इसमें विटामिन-ए की मात्र अधिक होती है. गठिया के रोगियों के लिए यह काफी लाभदायक है. यह भी आंखों की रोशनी बढ़ाता है. इसके सेवन से अनेक प्रकार के दर्द से छुटकारा मिलता है.
लौकी : यह डाइजेस्टिव सिस्टम ठीक रहता है. यह भोजन पचाने और पेट साफ रखने में सहायक है. इसमें आयरन भी प्रचुर मात्रा में होता है.
पुदीना और हरा धनिया : यह स्वाद और सेहत दोनों लिहाज से फायदेमंद है. दोनों में विटामिन ए भरपूर मात्रा में होता है. पुदीना का अर्क उल्टी-दस्त में लाभदायक है. पुदीने की भाप लेने से जुकाम दूर होता है. पुदीना और तुलसी के पत्ते को पीस कर चेहरे पर लगाने से मुहांसे दूर होते हैं.
मूली : यह दांतों को मजबूत बनाता है. इसके पत्तों में विटामिन ए होता है. इसका रस पीलिया के उपचार में लाभदायक है.
आलू : इसका मुख्य पौष्टिक तत्व स्टार्च है. इसमें कुछ मात्र प्रोटीन की भी होती है. यह शरीर में क्षार की मात्रा नियंत्रित रखता है. इससे ऐसिडोसिस नहीं देता. इसमें सोडियम, पोटैशियम भी पर्याप्त मात्रा में होते हैं. आलू के हरे भाग में सोलेनाइन नामक विषैला पदार्थ होता है, अत: इसे हटा देना चाहिए. आलू के अंकुरित हिस्से को भी नहीं खाना चाहिए.
गरमियों के मुकाबले सर्दी के मौसम में ढेर सारी हरी सब्जियां सहज उपलब्ध होती हैं. वहीं सस्ती होने से हर वर्ग के लोग इनका भरपूर लाभ उठा सकते हैं. इसके अलावा ये सब्जियां ताजी होती हैं अर्थात् सीधे खेतों से बाजार में पहुंचती हैं. इससे इनमें स्टोर की गयी सब्जियों से अधिक पोषक तत्व होते हैं. हरी सब्जियां शरीर को स्वस्थ बनाये रखती हैं. कुछ सब्जियां कच्चे रूप में खाने पर ही अधिक फायदेमंद होती हैं. जानिए प्रमुख सब्जियों के फायदे.
पालक : इसमें विटामिन-ए, आयरन, एंटी ऑक्सीडेंट्स आदि पर्याप्त मात्र में होते हैं. विटामिन सी और आयरन मेटाबॉलिज्म ठीक रखते हैं. इससे कैलोरी तेजी से बर्न होती है और वजन नहीं बढ़ता. इसका ग्लाइकेमिक इंडेक्स लेवल कम होता है, जो बॉडी ग्लूकोज लेवल को सामान्य रखने में कारगर है. आंखों की कमजोरी, खून की कमी और बाल झड़ने में भी इसका सेवन काफी लाभदायक है.
मेथी का साग : इसमें विटामिन-ए की मात्र अधिक होती है. गठिया के रोगियों के लिए यह काफी लाभदायक है. यह भी आंखों की रोशनी बढ़ाता है. इसके सेवन से अनेक प्रकार के दर्द से छुटकारा मिलता है.
लौकी : यह डाइजेस्टिव सिस्टम ठीक रहता है. यह भोजन पचाने और पेट साफ रखने में सहायक है. इसमें आयरन भी प्रचुर मात्र में होता है.
पुदीना और हरा धनिया : यह स्वाद और सेहत दोनों लिहाज से फायदेमंद है. दोनों में विटामिन ए भरपूर मात्र में होता है. पुदीना का अर्क उल्टी-दस्त में लाभदायक है. पुदीने की भाप लेने से जुकाम दूर होता है. पुदीना और तुलसी के पत्ते को पीस कर चेहरे पर लगाने से मुहांसे दूर होते हैं.
मूली : यह दांतों को मजबूत बनाता है. इसके पत्तों में विटामिन ए होता है. इसका रस पीलिया के उपचार में लाभदायक है.
आलू : इसका मुख्य पौष्टिक तत्व स्टार्च है. इसमें कुछ मात्र प्रोटीन की भी होती है. यह शरीर में क्षार की मात्र नियंत्रित रखता है. इससे ऐसिडोसिस नहीं देता. इसमें सोडियम, पोटैशियम भी पर्याप्त मात्र में होते हैं. आलू के हरे भाग में सोलेनाइन नामक विषैला पदार्थ होता है, अत: इसे हटा देना चाहिए. आलू के अंकुरित हिस्से को भी नहीं खाना चाहिए.
बेस्ट है वेजिटेबल सूप : कंपकंपाती ठंड में गरमागरम सूप ऊर्जा देता है, भूख बढ़ाता है. सूप लेने से सर्दियों के कई रोग दूर रहते हैं. इससे डाइजेस्टिव सिस्टम भी स्ट्रॉन्ग होता है. सूप उन लोगों के लिए भी अच्छा विकल्प है, जो कम कैलोरीवाले पेय लेना चाहते हैं. ये सूप विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर होने के कारण शरीर को हर प्रकार के पोषक तत्व प्रदान करते हैं.
रेडीमेड सूप से रहें दूर : आजकल बाजार में रेडीमेड सूप भी मौजूद हैं. मगर इसमें पौष्टिक तत्व नाममात्र के होते हैं. कोशिश करें कि घर पर ही ताजी सब्जियों का सूप बनाएं. ताजा सूप फाइबरयुक्त होता है, जो कोलेस्ट्रॉल घटाने में मदद करता है. यह पौष्टिक तो होता ही है, स्वाद में भी रेडीमेड सूप से बेहतर होता है.
सूप में इन सब्जियों को दें प्राथमिकता : अक्सर मिक्स वेज सूप बनाते वक्त कॉम्बिनेशन का ध्यान नहीं रखा जाता. यदि कॉबिनेशन का ध्यान रखा जाये, तो ये ज्यादा पौष्टिक और स्वादिष्ट बनेंगे. आप निम्न कॉम्बिनेशन में मिक्स वेज सूप बना सकते हैं-
– हरी सब्जियां- जैसे पालक, मेथी, बथुआ आदि का सूप एक साथ मिला कर बनाएं. इस सूप से रक्तवाहिनियां साफ रहती हैं.
मिक्स वेजिटेबल सूप के साथ यदि आप कॉर्न या ब्रोकली मिलाते हैं, तो यह बच्चों का पसंदीदा सूप बन सकता है.
पालक, ब्रोकली, हरा प्याज, बंदगोभी, बीन्स, लेमनग्रास आदि कॉम्बिनेशनवाले सूप भी कोलेस्ट्रॉल घटाने में मददगार हैं. डायबिटीज पेशेंट के लिए यह परफेक्ट माना जाता है.
टमाटर, प्याज और गाजर को मिला कर बनाये गये सूप से आंखों की रोशनी बढ़ती है. यह हीमोग्लोबिन लेवल भी बढ़ाता है.
आलू से परहेज करें डायबिटीज रोगी
डायबिटीज : रोगियों को कैलोरी कम लेनी चाहिए. इसलिए उन्हें काबरेहाइड्रेट से दूर रहना चाहिए. यह समस्या आनुवंशिक भी होती है. इसलिए परिवार में भी लोगों को शुरू से ही इसकी आदत डालनी चाहिए. सब्जियों में आलू का प्रयोग कम करना चाहिए. आलू में कैलोरी अधिक होती है, जो डायबिटीज रोगियों के लिए ठीक नहीं. फाइबरयुक्त सब्जियों का प्रयोग अधिक करें. साग-सब्जियों में फाइबर अधिक पाया जाता है. इससे कब्ज दूर होता है.
किडनी रोग : इसमें प्रोटीन का सेवन कम करना चाहिए. बीन्स में प्रोटीन अधिक होता है. इससे यूरिक एसिड भी बढ़ता है. इसलिए इससे परहेज करें. बंद गोभी का प्रयोग फायदेमंद है.
सेब : इस मौसम में सेब सहज उपलब्ध है. यह खून बनाता है. इसमें पोषक तत्व काफी होते हैं. इसका सेवन कोई भी कर सकता है.
केला : इसमें कैलोरी प्रचुर होती है. डायबिटीज रोगी इससे दूर रहें. लेकिन जिनमें पोटैशियम की कमी है, उनके लिए यह फायदेमंद है.
कीटनाशक से बचाव जरूरी
फसल में कीटनाशक का प्रयोग काफी होने लगा है. असर खत्म करने के लिए साग, गोभी जैसी सब्जियों (जिन्हें छीला नहीं जा सकता) को एक दाना पोटैशियम घोल से धोना चाहिए. सादे पानी से भी जरूर धोएं. साग जैसी सब्जियों में अमीबीयेसिस, डियारडियेसिस और हुकवॉर्म का खतरा होता है. अत: जरूर धोएं.
प्रेग्नेंसी : प्रोटीन व कैल्शियम युक्त पत्तेदार सब्जियां अधिक खाएं. केला और सेब से खून की कमी दूर होती है. भोजन का पांचवां हिस्सा फल से आना चाहिए.
कुछ प्रमुख फायदे
– करेला पेट के कृमि को नष्ट करता है और खून साफ रखता है.
– नीबू पाचक रसों को बढ़ाता है. त्नपालक कैल्शियम की कमी को दूर करता है.
– भिंडी वीर्य में गाढ़ापन लाता है.
– लौकी भी रक्तवर्धक होता है.
– परवल शरीर को तुरंत एनर्जी देने में लाभकारी है.
– लहसून ब्लड वेसेल्स में ब्लॉकेज होने से रोकता है.
सब्जियों से जुड़े पांच रोचक तथ्य
– पूरे विश्व के 70} शाकाहारी भारतीय हैं त्नआलू सब्जी है, लेकिन पोषण के मामले में यह चावल के बराबर है
– पूरी दुनिया में टमाटर की 7500 किस्में उगायी जाती हैं.
– 100 ग्राम बीन्स में 8 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है
– ऑर्गेनिक सब्जियों में केमिकल का प्रयोग बिल्कुल नहीं किया जाता है.
स्प्राउट से संवारें सेहत
स्प्राउट यानी अंकुरित अनाज विटामिन ए, सी, बी-6 और ‘के’ समेत कई तरह के मिनरल्स- मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, कैल्शियम, मैंगनीज और पोटैशियम से भरपूर होते हैं. इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो झुर्रियों को दूर रखने में सहायक हैं और त्वचा में निखार लाते हैं.
यह हाजमे के लिए जरूरी एंजाइम का अच्छा स्रोत है. कैलोरी की मात्र कम होने के कारण यह वजन कम करनेवाले लोगों के लिए अच्छा विकल्प है. ज्यादातर लोग अंकुरित मूंग को ही प्राथमिकता देते हैं, लेकिन मटर, चना, मूंगफली, राजमा, सोयाबीन, गेहूं, आदि अनाज भी अंकुरित रूप में उतने ही फायदेमंद हैं. शाकाहारी के लिए उम्दा आहार है.
गोभी : फूलगोभी में प्रोटीन, फॉस्फोरस, लौह तत्व, पोटैशियम, गंधक, नियासिन और विटामिन सी आदि तत्व पाये जाते हैं. इसमें गंधक एवं क्लोरीन घटकों की मात्र भी अधिक होती है, जिसके कारण यह शरीर की गंदगी साफ करने का काम करती है. फूलगोभी में सल्फोराफीन रसायन पाया जाता है, जो खास कर दिल के लिए काफी फायदेमंद होता है.
गोभी में कुछ ऐसे घटक हैं, जो हमारी रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाते हैं. यह समय से पहले आनेवाली वृद्धावस्था को भी रोकती है. इसमें मौजूद तत्व चरबी, शर्करा एवं अन्य पदार्थों को इकट्ठा होने से रोकते हैं, जिससे शरीर का आकार सही बना रहता है.
बातचीत व आलेख : कुलदीप तोमर
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