दांत न सिर्फ भोजन करने में हमारी सहायता करते हैं, बल्कि चेहरे की सुंदरता भी बढ़ाते हैं. सही तरीके से ब्रश नहीं करने से मुंह के कई रोग होते हैं, जिससे दांत असमय टूट जाते हैं. इन्हें बचाने के लिए रोज दो बार ब्रश करना जरूरी है. मुंह शरीर का मुख्य द्वार है. अत: मुंह और दांतों की देखभाल एवं सफाई जरूरी होती है.
सफाई इस तरह से करें :
रोज दो बार ब्रश करें : प्रतिदिन दो बार सुबह एवं रात में ब्रश करें. रात के डिनर के बाद खाने के अंश के दांतों के बीच जमा रह जाने से, वह सड़ने लगता है. इससे वहां एसिड बनते हैं. एसिडिक जगह पर जीवाणु तेजी से बढ़ते हैं. इससे दांतों एवं मसूड़ों में विभिन्न रोग होते हैं. उचित समय पर इलाज नहीं कराया जाये, तो दांतों में दर्द होता है एवं दांत निकलवाना भी पड़ सकता है. संक्रमण सबसे पहले दांत के पहले स्तर, एनामल में शुरू होता है. बढ़ कर अंतिम स्तर पल्प तक पहुंच जाता है. इससे दांतों में असहनीय दर्द होता है. इस समस्या का इलाज रूट कैनाल विधि से किया जाता है.
त्न गंदगी से मसूड़ों में जिंजिवाइटिस एवं पेरियोडोंटाइटिस रोग होने लगते हैं. इस रोग में मसूड़ों से खून आता है. मुंह से दरुगध भी आती है. मसूड़ों से मवाद भी आता है. मसूड़े ढीले हो जाते हैं एवं अंदर की हड्डी कमजोर हो जाती है. दांत भी हिलने लगते हैं. इलाज नहीं होने पर समय से पहले ही दांत टूट जाते हैं. दांत नहीं रहने से चेहरे की खूबसूरती भी बिगड़ जाती है. अत: प्रतिदिन दो बार ब्रश करना जरूरी है.
दो मिनट ब्रश करें : प्रतिदिन दो मिनट ही ब्रश करना चाहिए. अधिक देर ब्रश करने से दांत घिस जाते हैं. ओरल कैविटी में चार क्वाड्रेंट होते हैं एवं प्रत्येक में आठ दांत होते हैं. एक क्वाड्रेंट में 30 सेकेंड ब्रश करना चाहिए. अत: चारों क्वाड्रेंट में 30×4 यानी 120 सेकेंड यानी दो मिनट ही ब्रश करना चाहिए. अधिक ब्रश करने से सबसे पहले एनामल घिसते हैं. इससे दांत संवेदनशील हो जाते हैं. अगर इलाज न कराया जाये, तो दांत का अंतिम स्तर दिखने लगता है. इसमे रक्त वाहिनियां होती हैं. पल्प दिखाई देने से मरीज के दांतों में असहनीय दर्द होने लगता है.
रखें ध्यान
मुलायम ब्रिशिल्सवाले ब्रश का प्रयोग करें. कड़े ब्रिशिल्सवाले ब्रश के प्रयोग से दांत घिसते हैं.
ब्रश करने से पहले उसे पांच मिनट तक पानी में डाल दें. इससे ब्रिशिल्स मुलायम हो जाते हैं.
ऊपरी दांतों को ऊपर से नीचे एवं नीचे में नीचे से ऊपर ब्रश करें.
छोटे बच्चे को बेबी ब्रश से ब्रश कराएं.
सप्ताह में दो या तीन दिन गुनगुने पानी में थोड़ा-सा नमक डाल कर कुल्ला दिन में दो बार करें. सप्ताह में एक या दो दिन माउथ वाश का प्रयोग करें.
वर्ष में एक बार डेंटिस्ट से अल्ट्रासोनिक मशीन द्वारा दांतों की सफाई अवश्य करवाएं.
डॉ राजीव कुमार
लेक्चरर, पटना डेंटल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, पटना