नाखून चबाना भी एक मनोरोग

छोटे बच्चों को कई बार अंगूठा चूसने, बिस्तर गीला करने और बात-बात पर रोने की आदत लग जाती है. यह व्यवहार संबंधी समस्याएं कहलाती हैं. अक्सर बच्चों की इन आदतों एवं गलत व्यवहार के कारण माता-पिता को शर्मिदा होना पड़ता है. इसके लिए वे बच्चों को डांटते और मारते-पीटते भी रहते हैं. कारण : छोटे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 25, 2015 10:56 AM

छोटे बच्चों को कई बार अंगूठा चूसने, बिस्तर गीला करने और बात-बात पर रोने की आदत लग जाती है. यह व्यवहार संबंधी समस्याएं कहलाती हैं. अक्सर बच्चों की इन आदतों एवं गलत व्यवहार के कारण माता-पिता को शर्मिदा होना पड़ता है. इसके लिए वे बच्चों को डांटते और मारते-पीटते भी रहते हैं.

कारण : छोटे बच्चे अपने भाई-बहन के पैदा होने पर अकेला महसूस करते हैं और अक्सर बिस्तर गीला करते हैं. माता-पिता का आपसी तनाव और घर का खराब माहौल भी इसका कारण बनता है. बचपन में इस पर ध्यान न देने से इस प्रकार की आदतें बढ़ती जाती हैं, जो बाद में समस्या बन जाती हैं. यह समस्या आनुवंशिक भी होती है. बच्चे माता-पिता का ध्यान आकर्षित करने के लिए भी ऐसा व्यवहार करते हैं. हीन भावना, चिंता, असुरक्षा की भावना एवं अकेलेपन से ग्रसित बच्चों में ऐसे व्यवहार देखे जाते हैं.

उपचार : इसमें व्यवहार चिकित्सा काफी लाभदायक है. बच्चे को व्यस्त रख कर इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है. जैसे-नाखून चबाने पर उन्हें चित्रकारी या कुछ लिखने के लिए प्रेरित करें. चीजों को पटकनेवाले या बाल खींचनेवाले बच्चों को उनके दूसरे अच्छे काम करने के लिए प्रेरित करें. इससे काफी फायदा होता है. बच्चे के साथ माता-पिता का दोस्ताना व्यवहार उसके अंदर आत्मविश्वास पैदा करता है. माता-पिता को भी चाहिए कि कभी भी बच्चे को दूसरे बच्चों के सामने जलील न करें. दूसरे रिश्तेदारों से उसकी शिकायत न करें. मारने-पीटने से नकारात्मक असर पड़ता है.

डॉ बिन्दा सिंह

क्लिनिकल

साइकोलॉजिस्ट, पटना

मो : 9835018951

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