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उपचार से छूट सकती है नशे की लत

आज नशा एक बड़ी समस्या बन गया है. किशोर या युवा वर्ग को लगता है कि नशा करने से निराशा, तनाव, गम और अकेलेपन को दूर किया जा सकता है. लेकिन वास्तव में यह उन्हें खोखला कर देता है. नशा न सिर्फ कैरियर को खत्म करता है बल्कि परिवार की नींव को तोड़ने का काम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 9, 2015 10:58 AM
आज नशा एक बड़ी समस्या बन गया है. किशोर या युवा वर्ग को लगता है कि नशा करने से निराशा, तनाव, गम और अकेलेपन को दूर किया जा सकता है. लेकिन वास्तव में यह उन्हें खोखला कर देता है. नशा न सिर्फ कैरियर को खत्म करता है बल्कि परिवार की नींव को तोड़ने का काम भी करता है.

नशे का आदी होने से शारीरिक और मानसिक दोनों रूपों में बुरा असर पड़ता है.

लक्षण : याद्दाश्त कम होना, वजन घटना, अनिद्रा, चिड़चिड़ापन, आत्मविश्वास की कमी और नशा करने के लिए बेचैन रहना.
उपचार : नशे की लत एक बीमारी है अत: इसका इलाज जरूरी है. नशीले पदार्थो से मुक्ति के लिए मानसिक उपचार, विशेषज्ञों का परामर्श, दवाओं का नियमित सेवन एवं परिवार के प्यार और सहयोग से 80} लोग पूर्णत: ठीक हो जाते हैं. इसके लिए समाज में चेतना और जागृति लाने की भी जरूरत है. बच्चों और किशोरों को शुरू से ही नशे से होनेवाली हानियों की समुचित जानकारी देने की जरूरत है.
14 वर्ष से 35 वर्ष की उम्र के लोगों में यह समस्या अधिक होती है. आजकल लड़कियों में भी यह समस्या देखी जा रही है. मरीज को नशा मुक्ति केंद्र में भरती करा कर उसका इलाज कराना चाहिए. माता-पिता को भी चाहिए कि यदि बच्च नशे का आदी हो गया है, तो उसे मारने-पीटने के बजाय उसका सही इलाज कराएं. बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखें ताकि गलत संगति में पड़ कर वह नशा को अपना दोस्त न बना ले.
डॉ बिन्दा सिंह
क्लिनिकल
साइकोलॉजिस्ट, पटना
मो : 9835018951

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