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अचार अधिक खाना क्यों है हानिकारक

अचार भारतीय खान-पान का महत्वपूर्ण हिस्सा है. मगर जहां यह खाने का जायका बढ़ाता है, वहीं इसे अधिक खाने से समस्याएं भी होती हैं. कई रोगों में डॉक्टर अचार न खाने की सलाह देते हैं. अचार अधिक खाने से सेहत को नुकसान होने के कारण निम्‍न हैं. अत्यधिक नमक का होना : अधिक नमक खाने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 9, 2015 11:10 AM
अचार भारतीय खान-पान का महत्वपूर्ण हिस्सा है. मगर जहां यह खाने का जायका बढ़ाता है, वहीं इसे अधिक खाने से समस्याएं भी होती हैं. कई रोगों में डॉक्टर अचार न खाने की सलाह देते हैं.
अचार अधिक खाने से सेहत को नुकसान होने के कारण निम्‍न हैं.
अत्यधिक नमक का होना : अधिक नमक खाने से हाइपरटेंशन और हृदय रोगों का खतरा होता है. इससे सूजन की शिकायत भी होती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार एक दिन में मात्रा पांच ग्राम या एक छोटे चम्मच जितना ही नमक का ही सेवन करना चाहिए. अचार में नमक अधिक मात्र में मिलाया जाता है. हालांकि घर का अचार बाजार के अचार से अधिक सुरक्षित होता है. बाजार के अचार को सुरक्षित रखने के लिए सोडियम बेंजोएट मिलाया जाता है. यह केमिकल इम्यून सिस्टम को कमजोर बनाता है और कैंसर उत्पन्न करता है.
अत्यधिक तेल : अचार को नमी से बचाने के लिए इसमें काफी तेल मिलाया जाता है. यह इसे बैक्टीरिया और फंगस से भी बचाता है. लेकिन यह भी जानना जरूरी है कि तेल कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ाता है. इससे हृदय रोगों का खतरा और बढ़ता है और लिवर को भी नुकसान होता है.
कम खाने के फायदे भी
अचार से कई प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं, फिर भी यह भारतीय भोजन का अहम हिस्सा है, क्योंकि संतुलित मात्र में खाने से कई फायदे भी होते हैं –
पाचन क्रिया सुधारता है : अचार बनाने के लिए आंवला, आम आदि काफी लोकप्रिय फल हैं. आंवला स्वास्थ्य को कई प्रकार से लाभ पहुंचाता है. आयुर्वेद में भी इसका प्रयोग किया जाता है. आंवले का अचार पाचन शक्ति को बढ़ाता है.
लिवर रहता है सुरक्षित : कम मात्र में इसके सेवन से लिवर को फायदा होता है. अनेक शोधों से पता चला है कि आंवले का अचार लिवर को डैमेज करनेवाले तत्वों को नष्ट करता है. लिवर सुरक्षित रहता है.
कम करता है अल्सर का खतरा : अल्सर अंदरूनी घाव होते हैं, जो म्यूकस मेंब्रेन के एसिड के संपर्क में आने से होते हैं. गैस्ट्रिक अल्सर का कारण म्यूकस मेंब्रेन की कमजोरी और हाइपर एसिडिटी का होना है. अल्प मात्र में इसके सेवन से इसका खतरा कम होता है. एक स्वस्थ व्यक्ति एक छोटा चम्मच अचार का सेवन रोज कर सकता है. रोग होने पर सप्ताह में एक-दो बार सेवन कर सकते हैं. आंवला और गाजर के अचार फायदेमंद होते हैं.
बढ़ता है गैस्ट्रिक कैंसर का खतरा :दक्षिण भारत के रिसर्च के अनुसार जो लोग अचार का सेवन अधिक करते हैं, उनमें गैस्ट्रिक कैंसर का खतरा अधिक पाया गया.

ग्रासनली के कैंसर का खतरा :एक रिसर्च के अनुसार अचार खानेवाले लोगों में ग्रासनली के कैंसर का खतरा दुगुना होता है.
सुमिता कुमारी
डायटीशियन
डायबिटीज एंड ओबेसिटी
केयर सेंटर, पटना

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