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आप भी करा सकेंगी एग फ्रीजिंग

महिलाएं हर क्षेत्र में सक्रिय हैं. इसके कारण अक्सर वे मां बनने को प्राथमिकता न देकर पहले कैरियर को संभालती हैं और प्रेग्‍नेंसी का फैसला देर से लेती हैं. ऐसी महिलाओं के लिए एग फ्रीजिंग अच्छा ऑप्शन होगा. एग फ्रीजिंग का अर्थ है महिलाओं के स्वस्थ एग (अंडाणु) को ओवरी से निकाल कर फ्रीज कर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 22, 2015 1:14 PM

महिलाएं हर क्षेत्र में सक्रिय हैं. इसके कारण अक्सर वे मां बनने को प्राथमिकता न देकर पहले कैरियर को संभालती हैं और प्रेग्‍नेंसी का फैसला देर से लेती हैं. ऐसी महिलाओं के लिए एग फ्रीजिंग अच्छा ऑप्शन होगा.

एग फ्रीजिंग का अर्थ है महिलाओं के स्वस्थ एग (अंडाणु) को ओवरी से निकाल कर फ्रीज कर देना और भविष्य के लिए सुरक्षित करना. ऐसा माना जाता है कि 40 की उम्र तक आते-आते महिलाओं के गर्भधारण का समय समाप्त हो जाता है. जबकि आजकल देर से ही गर्भधारण करने का ही चलन हो गया है. ऐसा करने से प्रेगAेंसी के सफल होने में कई प्रकार की समस्याएं आती हैं. इन्हीं समस्याओं के समाधान के लिए नयी तकनीक आयी है एग फ्रीजिंग. हालांकि यह तकनीक अभी भारत में नहीं आयी है, लेकिन जल्द ही इसके उपलब्ध होने की संभावना है. इसकी मदद से 35 वर्ष की उम्र के बाद भी प्रेग्‍नेंसी के सफल होने की संभावना बढ़ जाती है.

क्या है यह प्रक्रिया : यह प्रक्रिया सुनने में बहुत आसान लगती है लेकिन असल में है नहीं. एग फ्रीजिंग प्रक्रिया में जाने का अर्थ है कि आपको कई मेडिकल प्रोसेस से गुजरना पड़ेगा. एग को सजर्री करके निकाला जायेगा और तब उसे फ्रीजिंग प्रक्रिया में भेजा जायेगा. इसकी प्रक्रिया इस प्रकार है-

सही कैंडीडेट का चुनाव : सबसे पहले एचआइवी, हेपेटाइटिस बी और सी की जांच की जाती है.

एग को निकालना : सजर्री की प्रक्रिया द्वारा एग को निकाला जाता है.

एग की फ्रीजिंग : एग को फ्रीज करने के लिए माइनस 196 डिग्री सेल्सियस पर लिक्विड नाइट्रोजन में रखा जाता है. इससे यह लंबे समय तक सुरक्षित रहता है. सुरक्षित रहने की अवधि के दौरान महिला को अधिकार रहता है कि वह इसे खुद यूज करना चाहती है या फिर किसी और को देकर मदद करना चाहती है.

कैसे होगी गर्भधारण की प्रक्रिया : जब भी आप प्रेग्नेंसी के लिए तैयार होंगी, फ्रोजेन एग को सामान्य अवस्था में लाया जायेगा. हर एग को निड्ल की सहायता से आपके पार्टनर के एक स्पर्म से निषेचित कराया जायेगा. निषेचित एग को युटेरस में डाल दिया जायेगा. इसे कैथेटर से युटेरस में इंप्लांट किया जाता है.

किनके लिए है यह तकनीक

वैसी महिलाएं जो 28 वर्ष पार कर चुकी हैं और अभी भी प्रेग्‍नेंसी की प्लानिंग में नहीं हैं, वे अपने हेल्दी एग को सुरक्षित रख सकती हैं. जिन्हें कैंसर या किसी अन्य रोग के कारण कीमोथेरेपी या रेडियोथेरेपी कराने की सलाह दी गयी हो. चूंकि इस उपचार में मौजूद रेडिएशन और केमिकल एग के लिए काफी हानिकारक होते हैं. अत: कैंसर के उपचार से पहले हेल्दी एग को निकलवा कर भविष्य के लिए सुरक्षित करवाना बेहतर विकल्प है. यह अर्ली मेनोपॉज (समय से पहले मेनोपॉज) से बचाव का भी सुरक्षित उपाय है.

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