हर तरफ स्वाइन फ्लू की दहशत है. हाल में हुई बारिश के बाद तापमान में आयी गिरावट ने वायरस को और एक्टिव कर दिया है. इस रोग को लेकर लोगों में तरह-तरह की भ्रांतियां हैं, जिन पर बता रहे हैं एक्सपर्ट.
स्वाइन फ्लू के बारे में यहां प्रस्तुत हैं इससे संबंधित कुछ आम सवाल और विशेषज्ञों द्वारा दिये गये उनके जवाब.
कैसे फैलता है स्वाइन फ्लू?
यह एच1एन1 वायरस से होता है और हवा द्वारा एक से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है. यह सीधे संपर्क में आने से भी फैल सकता है. यह मरीज के खांसने और छींकने से भी फैलता है. यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है. रोगी द्वारा प्रयोग की गयी वस्तुओं से भी यह फैलता है.
कैसे पहचानें कि स्वाइन फ्लू है?
तेज बुखार आना, खांसी, जुकाम की शिकायत होना, मांशपेशियों और सिर में तेज दर्द होना, दर्द के कारण नींद न आना, कमजोरी महसूस होना और ज्यादा थकान होना, दवा लेने के बाद भी बुखार नहीं उतरना आदि इसके लक्षण हैं
डॉ राजीव दुग्गल
कंसल्टेंट फिजिसियन, अभियान वेलनेस सेंटर, दिल्ली
किन्हें होता है अधिक खतरा?
वीक इम्यून सिस्टमवालों को यह जल्दी चपेट में लेती है. अत: छह माह से छोटे बच्चों में इसका खतरा अधिक होता है. ऐसे में बच्चे के लिए प्रयोग की जा रही वस्तुओं को साफ रखें. इसके अलावा गर्भवती, 65 साल अधिक उम्र के लोग, हार्ट, किडनी, डायबिटीज आदि के रोगियों को भी यह जल्दी चपेट में लेता है.
आम फ्लू से कैसे अलग है यह?
स्वाइन फ्लू में जुकाम तेजी से होता है. यह लगातार बढ़ता है, जबकि आम फ्लू में ऐसा नहीं होता. स्वाइन फ्लू में खांसी की शिकायत अधिक होती है. स्वाइन फ्लू की पुष्टि पीसीआर टेस्ट से होती है.
क्या करें यदि हो जाये रोग?
मरीज को घबराना नहीं चाहिए. उचित इलाज कराएं और कुछ विशेष सावधानियां बरतें. लक्षण नजर आते ही चिकित्सक से संपर्क कर ट्रीटमेंट शुरू कर दें. इससे वायरस से छुटकारा जल्दी मिल सकता है. मरीज तरल पदार्थ अधिक लें. मरीज घर के किसी एक कमरे में ही आराम करें और मास्क पहने रहें. इससे दूसरों में सक्रमण का खतरा कम रहेगा. स्वस्थ व्यक्ति मरीज से तीन फीट की दूरी रखें. परिवार में कोई भी व्यक्ति स्वाइन फ्लू से ग्रस्त है, तो बाकी सदस्य भी डॉक्टर की सलाह लेकर दवाई लें ताकि वायरस न फैल सके.
क्या इसका इलाज सफल है?
स्वाइन फ्लू का इलाज संभव है बशर्तें समय पर इलाज कराया जाये. अक्सर इसके प्रारंभिक लक्षणों को मरीज नजरअंदाज कर देते हैं और बाद में यही भयावह रूप धारण कर लेते हैं. अत: इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें और डॉक्टर से संपर्क कर ट्रीटमेंट शुरू कराएं. शुरुआत में बुखार उतारने के लिए डॉक्टर पारासिटामोल देते हैं. स्वाइन फ्लू के लक्षण दिखते ही दो दिनों के अंदर ट्रीटमेंट शुरू कर देना चाहिए. इलाज पांच दिनों का होता है, जिसमें रोगी को एंटीवायरल (टेमी फ्लू) दिया जाता है.
बचाव में मास्क कारगर है?
मास्क का प्रयोग सही तरीके से नहीं होने से इसे पहनने के बाद भी लोग स्वाइन फ्लू की चपेट में आ जाते हैं. अत: सुनिश्चित करें कि मास्क सिंगल लेयर न हो, यह स्वाइन फ्लू नहीं रोक सकता. हमेशा ट्रिपल लेयर मास्क पहनें. मास्क धोकर प्रयोग कर सकते हैं. यात्र के दौरान मास्क जरूर पहनें. बाजार में एन-95 नामक स्पेशल मास्क हैं. इनकी कीमत अधिक होती है. थ्री लेयर साधारण मास्क कम कीमत में उपलब्ध हैं.
बातचीत : कुलदीप तोमर
डॉ वेदप्रकाश
सीनियर फिजिशियन, सर गंगाराम हॉस्पिटल, दिल्ली
भ्रांतियां और उनकी सच्चई
भ्रांति : स्वाइन फ्लू सूअर के संपर्क में आने से होता है.
सच्चाई : स्वाइन फ्लू एच1एन1 नामक वायरस के संपर्क में आने से होता है.
भ्रांति : मीट के सेवन से स्वाइन फ्लू
होता है.
सच्चई : मीट के सेवन से स्वाइन फ्लू नहीं होता.
भ्रांति : यह लाइलाज है?
सच्चई : समय पर उपचार लेने से यह ठीक हो जाता है.