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जरा पेट की भी सुनें

हर व्यक्ति की पाचन क्षमता अलग-अलग होती है. कुछ लोग कुछ भी खा लें, उनके पाचन में किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं आती. जबकि कुछ लोग बाहर का थोड़ा भी खाने पर पेट खराब होने की शिकायत करते हैं. अपने पाचन को कैसे रखें दुरुस्त, बता रहे हैं दिल्ली व पटना से हमारे विशेषज्ञ. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 18, 2015 12:18 PM
हर व्यक्ति की पाचन क्षमता अलग-अलग होती है. कुछ लोग कुछ भी खा लें, उनके पाचन में किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं आती. जबकि कुछ लोग बाहर का थोड़ा भी खाने पर पेट खराब होने की शिकायत करते हैं. अपने पाचन को कैसे रखें दुरुस्त, बता रहे हैं दिल्ली व पटना से हमारे विशेषज्ञ.

क्या कहता है आपका पेट

पेट बीमार हो तो शरीर के सभी अंगों पर असर छोड़ता है. चाहे एसिडिटी हो या लूज मोशन. ये सभी समस्याएं पाचन में गड़बड़ी से होती हैं. यदि ये बीमारियां समय पर ठीक न हों, तो बाद में रौद्र रूप धारण कर लेती हैं. जीवनशैली बदल कर इन समस्याओं से निबटा जा सकता है.

पाचन इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि जो भोजन हम लेते हैं, उसे पाचन तंत्र ऊर्जा में तब्दील कर देता है. इसी से शरीर को ऊर्जा मिलती है, जिससे शरीर विभिन्न कार्य करता है. पाचन तंत्र शरीर की इम्युनिटी को भी स्ट्रॉन्ग करता है. पाचन तंत्र खराब हो जाये, तो शरीर में भोजन ठीक से पच नहीं पाता, जिसके कारण विभिन्न प्रकार की समस्याएं देखने को मिलती हैं. पाचन तंत्र के गडबड़ाने से इम्युनिटी सिस्टम भी कमजोर हो जाता है. यह समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है. इसका प्रमुख कारण अनियमित खान-पान है. भोजन करने समय थोड़ी सावधानी बरती जाये, तो इससे बच सकते हैं.
पेट की कुछ प्रमुख परेशानियां
कब्ज व डायरिया : यदि भोजन पचने में दिक्कत हो या बार-बार बाथरूम जाने की समस्या आंतों में परेशानी से हो सकती है. आंत के सुस्त होने पर कब्ज हो सकता है. यदि बराबर डायरिया रहता हो, तो यह इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (आइबीएस) से हो सकता है. आइबीएस पेट की एक बहुत बड़ी समस्या है. इस समस्या का प्रमुख कारण आंतों में तनाव होना है. ऐसे में आंतों को तनावरहित करने से बहुत फायदा पहुंचता है. आंत अति संवेदनशील (हाइपर सेंसेटिव) हुआ, तो आप डायरिया से और हाइपोसेंसेटिव यानी सुस्त हुआ, तो कब्ज से परेशान होते रहेंगे. इससे बचाव के लिए नियमित व्यायाम और सादा भोजन करना जरूरी है. अन्यथा आप दवाई खाते रहेंगे मगर इस बीमारी से कभी निजात नहीं मिल पायेगी.
पेट दर्द : कुछ लोगों को अक्सर पेट दर्द की शिकायत रहती है. पेट दर्द कई कारणों से हो सकता है. यह कब्ज, गैस, दस्त आदि कारणों से हो सकता है. कई बार बच्चों के पेट में कीड़े होने से भी पेट दर्द की शिकायत हो सकती है. लोग इसे ठीक करने के लिए पेनकिलर लेते हैं. मगर यह सही इलाज नहीं है. इससे सही कारण का इलाज नहीं होता है और बाद में समस्या गंभीर हो जाती है. कई बार आंतों में संक्रमण से भी पेट दर्द होता है. इसमें मल या उल्टी में खून आता है. गुर्दे में पथरी से भी दर्द उठता है. आंतों में सूजन और अपेंडिक्स से भी पेट दर्द होता है. अत: पेट दर्द हो तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें.
सावधानियां :
साफ-सफाई का ध्यान रखें
खाली पेट कोई दवाई न लें
शुद्ध पानी पीएं
पेन किलर न लें.
ऐसे रखें पाचन दुरुस्त
खाने में फलों का ज्यादा इस्तेमाल करें. फलों से मिलनेवाले फाइबर से पेट साफ रहता है और पाचन क्रिया भी मजबूत होती है.
फास्ट फूड से परहेज रखने का प्रयास करें, यदि फास्ट फूड लेते भी हैं, तो सप्ताह में लें.
खाने में हरी पत्तेदार सब्जियों का प्रयोग अधिक करें.
खाने में गेहूं के आटे की रोटियों का ही सेवन करें.
पानी अधिक-से-अधिक पीएं.
रात का भोजन करने के बाद टहलने से फायदा होता है.
नियमित रूप से व्यायाम करें.
प्रतिदिन 7 से 8 घंटे की नींद लें.
एसिडिटी है, तो नॉनवेज न खाएं
यदि खट्टी डकारें आती हैं, भोजन ठीक से नहीं पचता, सीने में दर्द रहता है या छाती में जलन रहती है, तो आपको एसिडिटी है. एसिडिटी को मेडिकल भाषा में गैस्ट्रो एसोफेजियल रिफलक्स डिजीज (जीइआरडी) कहते हैं. एसिडिटी होने से शरीर का पाचन तंत्र पूरी तरह से ध्वस्त हो जाता है. इस रोग में मुख्य रूप से छाती में जलन होती है और आहारनाल में उत्पन्न अम्ल लौट कर मुंह में आता रहता है. एसिडिटी पर काबू नहीं करने पर एक समय बाद आहारनाल सिकुड़ जाती है. एसिडिटी से छुटकारा दिलानेवाली दवाओं के विज्ञापन पर कभी गौर नही करना चाहिए. इनसे इलाज करने पर थोड़े समय के लिए राहत जरूर मिलती है, लेकिन जल्द ही परेशानियां फिर घेर लेती हैं. लंबे समय तक इनका प्रयोग भी शरीर के लिए काफी खतरनाक है. आप खान-पान को बदल कर भी इस समस्या से निजात पा सकते हैं. अक्सर यह देखा जाता है कि मसालेदार और नॉनवेज खानेवालों को यह अधिक परेशान करती है. इसलिए इनसे परहेज की जरूरत है. यह रोग अधिक तनाव के कारण भी होता है.
बरतें ये सावधानियां :
वक्त पर खाना खाएं
तला-भुना खाने से बचें
अधिक तनाव न लें
खाना खाने के तुरंत बाद पानी न पीएं
तीन-चार लीटर पानी रोज पीएं
भोजन को अच्छी तरह चबा कर खाएं
धूम्रपान से बचें.
बातचीत : कुलदीप तोमर, दिल्ली

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