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गैजेट की लाइट बना सकती है बीमार

तकनीक जितनी अधिक विकसित हुई है, रात के समय प्रकाश के स्नेत भी उतने ही अधिक विकसित हुए हैं. हाल ही में हुए नये रिसर्च से पता चला है कि रात के समय गैजेट से निकलनेवाले प्रकाश के संपर्क में अधिक आने से कैंसर, मोटापा, डायबिटीज और कई अन्य रोग हो सकते हैं. टेबलेट, मोबाइल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 2, 2015 12:08 PM
तकनीक जितनी अधिक विकसित हुई है, रात के समय प्रकाश के स्नेत भी उतने ही अधिक विकसित हुए हैं. हाल ही में हुए नये रिसर्च से पता चला है कि रात के समय गैजेट से निकलनेवाले प्रकाश के संपर्क में अधिक आने से कैंसर, मोटापा, डायबिटीज और कई अन्य रोग हो सकते हैं.

टेबलेट, मोबाइल फोन और कंप्यूटर स्क्रीन से निकलनेवाले प्रकाश खास कर नीले रंग के प्रकाश से बचना जरूरी है. इन डिवाइसों से निकलनेवाले नीले रंग के प्रकाश शाम के समय नींद से संबंधित हॉर्मोन मेलाटोनिन को प्रभावित करते हैं. इससे शरीर का सर्काडियन रिद्म (बायोलॉजिकल क्लॉक) गड़बड़ा जाता है. यह रिसर्च येल यूनिवर्सिटी में किया गया है. इस रिसर्च में इबुक, मोबाइल और अन्य गैजेट यूज करनेवालों के साथ पारंपरिक किताब पढ़नेवालों की भी तुलना की गयी.

इसमें साफ देखा गया कि जिनलोगों ने इबुक या अन्य गैजेट का प्रयोग शाम के समय किया उनमें मेलाटोनिन का स्नव कम पाया गया. अत: वैज्ञानिकों का कहना है कि उपयोगिता के कारण इन इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों का प्रयोग कम नहीं किया जा सकता है, लेकिन इसके उपयोग को शाम के समय सीमित कर लेना ही बेहतर होता है. इससे अस्वस्थ होने की आशंका कम हो जाती है.

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