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कहीं नजरों को नजर ना लगा दे आपका आइलाइनर: शोध

टोरंटो: खूबसूरत आखों की बात की जाए तो काली कजरारी आंखों का खयाल सबसे पहले जहन में आता है. कजरारी आंखें सोलह श्रृंगार का एक हिस्सा हैं, लेकिन क्‍या आपको पता है महिलाओं की आंखों को मनमोहक बनाने वाला आइलाइनर उनके लिए घातक हो सकता है. एक नये अध्ययन में चेतावनी दी गई है कि […]

टोरंटो: खूबसूरत आखों की बात की जाए तो काली कजरारी आंखों का खयाल सबसे पहले जहन में आता है. कजरारी आंखें सोलह श्रृंगार का एक हिस्सा हैं, लेकिन क्‍या आपको पता है महिलाओं की आंखों को मनमोहक बनाने वाला आइलाइनर उनके लिए घातक हो सकता है.
एक नये अध्ययन में चेतावनी दी गई है कि आंखों की पलकों के अंदर और बाहर लगाया जाने वाला आइलाइनर आंखों की रोशनी पर असर डाल सकता है. यह ऐसा पहला अध्ययन है जो साबित करता है कि पेंसिल आइलाइनर लगाते समय इसके कण आंखों में जाते हैं.
शोध करने वालों ने इसका अध्ययन करने के लिए वीडयो रिकॉर्डिंग का प्रयोग किया. कई तरह से उन्होंने मेकअप किया और फिर तुलना करके देखा कि आइलाइनर के कण कितनी मात्रा में आंखों की अश्रु झिल्ली पर पहुंचते हैं. अश्रु झिल्ली आंखों पर एक पतली परत के रूप में विद्यमान रहती है जो आंखों की सुरक्षा करती है.
वाटरलू विश्वविद्यालय के विज्ञानी डॉक्टर एलिसन नग ने बताया ‘हमने अध्ययन में पाया कि मेकअप करने से आंखों में आइलाइनर के कण जाते हैं और जब आइलाइनर को आंख की पलकों की अंदर की तरफ लगाया जाता है तो ये ज्यादा तेजी से आंख के अंदर जाते हैं.’ इस अध्ययन में भाग लेने वाले हर प्रतिभागी ने पहले पलकों के बाहर की तरफ चमकते (ग्लिटर) आइलाइनर का प्रयोग किया और बाद में आंख से ज्यादा नजदीक रहने वाली पलकों की अंदरुनी ओर और काजल वाली तरफ भी इसे लगाया.
दृष्टि विज्ञानियों ने पाया कि अंदर की ओर आइलाइनर लगाने पर पांच मिनट के भीतर 15 से 30 प्रतिशत ज्यादा कण आंखों की अश्रु झिल्ली पर पहुंच गए. यह शोध आई एंव कांटैक्ट लैंस साइंस एंड क्लीनिकल प्रैक्टिस जर्नल में प्रकाशित हुआ है.

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