हीमोफीलिया में भी जी सकते हैं सामान्य जीवन
डॉ निशांत त्रिपाठी असिस्टेंट प्रोफेसर कार्डियोलॉजी आइजीआइएमएस, पटना हीमोफीलिया में अंदरूनी चोट लगने और ब्लीडिंग होने पर परेशानी होती है. अंदरूनी ब्लीडिंग से अंदरूनी अंगों और टिश्यू को नुकसान होता है. यह आनुवंशिक रोग है और इसका स्थायी इलाज नहीं है. उपचार से मरीज सामान्य जीवन जी सकते हैं. कैसे पहचानें : – कटने पर […]
डॉ निशांत त्रिपाठी
असिस्टेंट प्रोफेसर
कार्डियोलॉजी
आइजीआइएमएस, पटना
हीमोफीलिया में अंदरूनी चोट लगने और ब्लीडिंग होने पर परेशानी होती है. अंदरूनी ब्लीडिंग से अंदरूनी अंगों और टिश्यू को नुकसान होता है. यह आनुवंशिक रोग है और इसका स्थायी इलाज नहीं है. उपचार से मरीज सामान्य जीवन जी सकते हैं.
कैसे पहचानें :
– कटने पर अधिक ब्लीडिंग
– इन्जेक्शन से भी ब्लीडिंग
– जोड़ों में दर्द, सूजन और जकड़न
– मल, मूत्र में खून का आना
– तेज सिर दर्द और थकान
क्या होती हैं समस्याएं : अत्यधिक अंदरूनी रक्तस्नव : मांसपेशियों में सूजन आती है और तेज दर्द भी हो सकता है.जोड़ हो जाते हैं डैमेज : अंदरूनी रक्तस्नव से जोड़ों पर दबाव पड़ता है. उपचार न हो, तो गंभीर दर्द और आर्थराइटिस भी हो सकता है.
इम्यून सिस्टम में समस्या : कुछ लोगों में इम्यून सिस्टम ही क्लॉटिंग फैक्टर को नष्ट कर देता है. इससे उपचार में भी परेशानी आती है.
जांच एवं उपचार : ब्लड टेस्ट से ब्लड में मौजूद क्लॉटिंग फैक्टर की कमी का पता चल जाता है. माइल्ड हीमोफीलिया होने पर सजर्री में भारी रक्तस्नव से ही इसका पता चलता है.
रक्तस्नव के दौरान उपचार :
– माइल्ड हीमोफीलिया ए : हॉर्मोन डेस्मोप्रेसिन का स्लो इन्जेक्शन वेन में दिया जाता है. यह रक्तस्नव को रोकता है.
– गंभीर हीमोफीलिया ए और बी : रक्तस्नव तभी रुकता है, जब क्लॉटिंग फैक्टर की सही मात्र शरीर में पहुंचती है.
सामान्य चलनेवाला उपचार :
– डीडीएवीपी का डोज : इसे रोज मरीज को देने से रक्तस्नव से बचाव होता है. जोड़ भी कम प्रभावित होते हैं. इससे जोड़ डैमेज होने से बच जाते हैं.
– एंटीफाइब्रीनोलाइटिक्स : ये दवाएं क्लॉट को बनाये रखती हैं. त्न फाइब्रिन सीलेंट्स : इस दवाई को सीधे घाव पर लगाया जाता है. इससे रक्तस्नव नहीं होता है और घाव जल्दी भरता है.
यह डेंटल थेरेपी में अत्यधिक कारगर है.त्न फस्र्ट एड : छोटे-मोटे कटने पर प्रेशर और बैंडेज का प्रयोग करने पर ब्लीडिंग बंद हो जाती है. यदि छोटे क्षेत्र में त्वचा के नीचे ब्लीडिंग हो, तो बर्फ का प्रयोग बेहतर होता है.
सेलिब्रिटी फिटनेस
लोकगायिका देवी का जादू भोजपुरिया श्रोताओं पर कई वर्षो से चल रहा है. सिंगर होने के साथ वह एक्टिंग में भी कदम बढ़ा चुकी हैं. ग्लैमर वर्ल्ड हो या आम लाइफ, फिट और स्लिम रहना बहुत जरूरी है, यह बात वह अच्छी तरह जानती हैं. एक समय मोटापा उनकी फिटनेस में बाधक था.
मगर रेगुलर एक्सरसाइज व हेल्दी लाइफ स्टाइल से उन्होंने इस पर काफी हद तक काबू पा लिया है.
बे हतर हेल्थ के लिए मैं रोज मॉर्निग वाक जरूर करती हूं. जब भी काम से छुट्टी मिलती है, तो ऋ षिकेश की गोद में प्रकृति का आनंद उठाने पहुंच जाती हूं. हिमालय के पहाड़ों पर और गंगा नदी के किनारे समय बिताना मुङो सुखद अनुभूति देता है. सारा तनाव दूर हो जाता है. बंद जगहों की जगह खुले वातावरण में रहना नयी ऊर्जा से भर देता है.
मौसम अनुकूल हो, तो कमरे की खिड़कियां और दरवाजे खोल देती हूं. दिन में एक घंटा धूप जरूर लेती हूं. शारीरिक स्वच्छता का पूरा ध्यान रखती हूं. बचपन से पापा ने जो छोटी-छोटी अच्छी आदतें डाली हैं, उनसे फिट रहती हूं, जैसे रोज दो बार नहाना, भोजन के बाद अच्छी तरह दांतों को ब्रश करना आदि. गायिका होने के कारण मुङो अपना अधिक ध्यान रखना पड़ता है. समय-समय पर हेल्थ चेकअप कराती रहती हूं.
बातचीत : संजीव कुमार आलोक
नाश्ते में : सुबह एक गिलास गुनगुने पानी में नींबू और शहद मिला कर पीती हूं, जो एक्स्ट्रा फैट घटाता है. चने का सत्तू पीती हूं, जो पेट ठंडा भी रखता है. गरमियों में इससे बेहतर कुछ नहीं है.
लंच में : घर का बना सादा भोजन ही मुङो पसंद है – चावल, दाल, रोटी, सब्जी. वैसे इन दिनों दक्षिण भारतीय इडली व दोसा भी खाने लगी हूं. वैसे बिहार में होती हूं, तो मेरे दोपहर के खाने में सत्तू मुख्य रूप से जरूर होता है. इन दिनों अगर आपने सत्तू, प्याज और आम की चटनी का लुत्फ नहीं उठाया, तो क्या किया!
शाम में : मैं बिहारी गर्ल हूं, तो कहीं भी रहूं, पारंपरिक भूजा जरूर खाती हूं. मुङो स्नैक्स में इससे अच्छा कुछ नहीं लगता. यह सेहत को कहीं से नुकसान नहीं करता. यह बात और है कि फैशनेबल लोग चाह कर भी इसे नहीं खाते. मैं चाय नहीं पीती, पर रोज शाम में एक कप कॉफी ले लेती हूं.
डिनर : दोपहर की तरह रात का खाना बिल्कुल सादा होता है, बस रात को चावल नहीं खाती. इसमें खीरा, टमाटर, गाजर आदि का सलाद लेती हूं. साथ ही बिना चीनी के दही. कभी-कभी रायता लेती हूं. खाने के बाद अगर मीठा खाने का मन हो, तो एक चॉकलेट खा लेती हूं.
परिचय
देवी (भोजपुरी गायिका)
जन्म : 10 अप्रैल 1984 (सीवान, बिहार) त्नलंबाई व वजन : 5 फुट-4 इंच, 58 किलो त्नकॅरियर : बचपन से सांस्कृतिक कार्यक्र मों से जुड़ी रहीं और भोजपुरी अलबम ‘पुरवा बयार’ से लोकप्रियता पायी.
– चर्चित अलबम : पुरवा बयार, अइले मोरे राजा, राजधानी पकड़ के आ जइयो, बावरिया, यारा (हिंदी), परदेशिया, कांवर, सजनी, बहे के पुरवा राम, ए गोरिया, नाच, हो गया है इश्क व डीजेवाला भाई..
– फिल्म : ‘थैंक यू’ में पॉपुलर सॉन्ग ‘रजिया गुंडों में फंस गयी..’ का रीमिक्स वर्जन व ‘जलसाघर की देवी’ में एक्टिंग व सिंगिंग.