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मधुर हो रिश्ता पड़ोसी से

इसे जीवन की व्यस्तता कहें या एकाकीपन की आदत, जिसके चलते हम अपने पड़ोसी से दो बातें करना तो दूर उनके बारे में जानना तक जरूरी नहीं समझते. जबकि सच तो यह है कि मुसीबत की घड़ी में रिश्तेदारों से पहले पड़ोसी ही हमारे काम आते हैं. ऐसे में जरूरी है पड़ोसियों के साथ अच्छे […]

इसे जीवन की व्यस्तता कहें या एकाकीपन की आदत, जिसके चलते हम अपने पड़ोसी से दो बातें करना तो दूर उनके बारे में जानना तक जरूरी नहीं समझते. जबकि सच तो यह है कि मुसीबत की घड़ी में रिश्तेदारों से पहले पड़ोसी ही हमारे काम आते हैं. ऐसे में जरूरी है पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंधों की साङोदारी करना..
पिछले नौ सालों से एक ही सोसाइटी में रहनेवाली प्रज्ञा को यह भी नहीं मालूम है कि उसके पड़ोस में कौन रहता है, उसके पड़ोसी क्या करते हैं, कहां के हैं? सुबह दूधवाले या अखबारवाले के आने पर अकसर पड़ोसियों से आमना-सामना भी होता है, लेकिन वह मुस्कुराकर उनसे दो बोल बोलने तक की जरूरत महसूस नहीं करती. ये कहानी सिर्फ प्रज्ञा की नहीं है, बल्कि शहरी इलाकों में रहनेवाले अधिकतक लोगों की होती जा रही है.
भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग सिर्फ और सिर्फ अपने तक ही सीमित होते जा रहे हैं. उन्हें यह भी पता नहीं होता कि उनके आसपास क्या चल रहा है. जबकि पड़ोसी से अच्छी जान-पहचान, नजदीकियां और बेहतरीन रिश्ते लोगों के तनाव को दूर कर उनकी खुशियों को दोगुना कर सकते हैं. जरूरत है तो बस इसके लिए आपको अपने पड़ोसियों की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाने की..
– यदि राह चलते या कहीं आते-जाते आपके पड़ोसी कहीं मिल जाएं तो हाय-हेलो करने से न चूकें. यदि आप किसी नयी जगह शिफ्ट हुए हैं, तो परिचय करने की पहल अपनी ओर से करें. इसी तरह यदि आपके पड़ोस में कोई नये पड़ोसी रहने के लिए आये हैं तो अपना परिचय देते हुए आप उनकी ओर दोस्ती का हाथ बढ़ा सकते हैं.
– पड़ोसी के यहां कोई बीमार हो तो उस स्थिति में आप हरसम्भव उनकी मदद करें. हो सके तो अपने यहां से खाना और फल वगैराह ले जाएं. जब तक बीमार व्यक्ति ठीक न हो जाये, उनका हाल जानते रहें और हमेशा मदद के लिए आगे रहें.
त्न पड़ोसी के घर में किसी तरह का काम हो, जिसमें उन्हें किसी की मदद की जरूरत हो तो आप बेहिचक मदद के लिए अपना हाथ आगे बढ़ा दें और उनकी मदद करें.
– अगर पड़ोसी को अचानक किसी जरूरी काम से बाहर जाना हो और उन्हें स्कूल से लौटने पर बच्चे की देखभाल करने की चिंता सता रही हो तो उस स्थिति में आप उनके बच्चे की जिम्मेदारी उठाने के लिए तैयार रहें और उन्हें निश्चिंत होकर जाने के लिए कहें. ऐसा करने पर कभी आपको जरूरत पड़ेगी तो वे निश्चित ही आपके काम आयेंगे.
– साल में एक या दो बार अपने मोहल्ले में गेट-टूगेदर पार्टी का आयोजन करें और आस-पास आने वाले नये लोगों से मिलें. आप चाहें तो महीने में एक बार पड़ोसियों के साथ किटी पार्टी कर सकती हैं, इससे संबंध बेहतर बनेंगे.
त्नपड़ोसियों से मिलें, नजदीकियां बढ़ाएं, लेकिन फालतू की गप्पेबाजी न करें. न ही किसी दूसरे पड़ोसी की बुराई-भलाई करें. इससे आपकी छवि खराब हो सकती है.
– अगर आपके पड़ोसी घर बंद करके कहीं जा रहे हैं तो उस स्थिति में आप उनके घर का ख्याल रखें. घर में ताला लगा हुआ हो तब भी आप घर पर नजर रखें, ऐसा करने पर चोरी की आशंका नहीं रहेगी.

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