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एक ब्लड टेस्ट बतायेगा मधुमेह का खतरा
अभी तक यह ठीक -ठीक बता पाना मुश्किल है कि आगे चल कर किसे डायबिटीज हो सकता है और किसे नहीं. हाल ही में एक नया रिसर्च हुआ है, जिसके मुताबिक एक ब्लड टेस्ट से पता चल सकेगा कि आपको डायबिटीज होने का खतरा है या नहीं. साथ ही अब डायबिटीज को रोकने वाली दवा […]
अभी तक यह ठीक -ठीक बता पाना मुश्किल है कि आगे चल कर किसे डायबिटीज हो सकता है और किसे नहीं. हाल ही में एक नया रिसर्च हुआ है, जिसके मुताबिक एक ब्लड टेस्ट से पता चल सकेगा कि आपको डायबिटीज होने का खतरा है या नहीं.
साथ ही अब डायबिटीज को रोकने वाली दवा को तैयार करना भी संभव हो सकेगा. चेन्नई के रामचंद्रन डायबिटीज हॉस्पिटल के वैज्ञानिकों ने प्री-डायबिटिक स्टेजवाले लोगों में कुछ ‘बायोमार्कर्स’ की पहचान की है.
इसे ‘डायबिटीज रिसर्च एंड क्लिनिकल प्रैक्टिस’ में प्रकाशित किया गया है. सर्वे में 35 से 55 वर्ष के लोगों को शामिल किया गया था. बायोमार्कर्स के बदले हुए लेवल से रोगों के होने का पता चलता है. रिसर्च में दो बायोमार्कर्स ऐडिपोनेक्टिन और इंटरलूकिन-6 की पहचान की गयी है. ऐडिपोनेक्टिन एक प्रोटीन है, जो इंसुलिन के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाती है. इंटरलूकिन-6 डायबिटीज व अन्य समस्याओं की तरफ इशारा करता है.
ऐडिपोनेक्टिन के कम लेवल और इंटरलूकिन-6 के ज्यादा लेवल से पता चलता है कि व्यक्ति को दो साल के अंदर डायबिटीज होने की सर्वाधिक आशंका होती है. जो लोग दोनों बायोमार्कर्स के लिए पॉजिटिव पाये जाते हैं, उन्हें अपना लाइफ स्टाइल बदलना चाहिए. फिजिकल एक्टिविटी और हेल्दी डायट अपनाना चाहिए.
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