जाने क्या है ‘एफैंटेसिया’ (Aphantasia)
जरा आंखें बंद कर सोचिए, आप अपने पसंदीदा सेलेब्रिटी के साथ गोवा के किसी शानदार होटल में डिनर ले रहे हैं. शायद आपने इसकी पूरी इमेज अपने मन में देख ली होगी. लेकिन यदि आपके दिमाग में जैसा आप सोच रहे हैं, वैसी इमेज नहीं बन पा रही है तो आप एफैंटेसिया से ग्रस्त हो […]
जरा आंखें बंद कर सोचिए, आप अपने पसंदीदा सेलेब्रिटी के साथ गोवा के किसी शानदार होटल में डिनर ले रहे हैं. शायद आपने इसकी पूरी इमेज अपने मन में देख ली होगी. लेकिन यदि आपके दिमाग में जैसा आप सोच रहे हैं, वैसी इमेज नहीं बन पा रही है तो आप एफैंटेसिया से ग्रस्त हो सकते हैं. यानी कि जो भी कल्पना आप करते हैं, यदि आपके दिमाग में उसकी छवि नहीं बन पाती है तो आप एफैंटेसिया के शिकार हो सकते हैं.
लगभग सभी लोग अपने मन में बातों को सोचकर इमेज/फैंटेसी क्रिएट कर लेते हैं. जिसे मस्तिष्क की आंख से मन की बातों को देखना कहा जाता है. लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनकी माइंड्स आई यानी मस्तिष्क की आंख सक्रिय नहीं होती और वो लोग फैंटेसी नहीं बना पाते. ऐसे लोग एफैंटेसिया से ग्रस्त पाए जाते हैं.
वैज्ञानिकों ने इसी साल इस कंडीशन को डिस्क्राइब किया है कि एफैंटेसिया के शिकार लोग
मानसिक तौर पर विजुअल इमेज क्रिएट नहीं कर पाते. कुछ ऐसे लोगों पर वैज्ञानिकों ने गौर किया जिनके पास ब्लाइंड माइंड्स आई हैं यानी वे एफैंटेसिया के शिकार हैं.
इस बीमारी के बारे में अभी तक ज्यादा कुछ मालूम नहीं है. 2015 में ही यह टर्म सामने आया और इस पर अध्ययन शुरू हुआ है. एक्सटर मेडिकल स्कूल के प्रो. एडम जेमन की शोधकर्ता टीम ने इस बीमारी को एफैंटेसिया नाम दिया है.