कहीं आपके सर दर्द का कारण ‘ऑस्मोफोबिया’ तो नहीं?
क्या आपको किसी भी प्रकार की गंध से तेज़ सर दर्द होता है? क्या आप किसी ख़ास खुशबू के संपर्क में आने से घबराने लगते हैं? क्या आप किसी विशेष गंध की वजह से किसी व्यक्ति से घृणा करते हैं? यदि इस सवालों के जवाब हां हैं तो आप ‘ऑस्मोफोबिया’ के शिकार हैं. ऑस्मोफोबिया व्यक्ति […]
क्या आपको किसी भी प्रकार की गंध से तेज़ सर दर्द होता है? क्या आप किसी ख़ास खुशबू के संपर्क में आने से घबराने लगते हैं? क्या आप किसी विशेष गंध की वजह से किसी व्यक्ति से घृणा करते हैं? यदि इस सवालों के जवाब हां हैं तो आप ‘ऑस्मोफोबिया’ के शिकार हैं.
ऑस्मोफोबिया व्यक्ति की अतिसंवेदनशीलता को दर्शाता है. जिसमें व्यक्ति को किसी प्रकार की गंध से घबराहट, सर दर्द, उल्टी होने लगती है. कई बार इस फोबिया के चलते पुराने सर दर्द और माइग्रेन रिवर्स अटैक करते हैं. दरअसल, यह फोबिया व्यक्ति के मानसिक स्तर को दर्शाता है जो व्यक्ति अतिसंवेदनशील है वह किसी भी प्रकार की तेज़ खुशबू या बदबू को सहन नहीं कर पाता और वह घबराने, घृणा करने, तेज़ सर दर्दसे परेशानऔर उल्टी करने लगता है.
दवाओं से ज्यादा इस बीमारी का इलाज थेरेपी और मनोचिकित्सा द्वारा किया जा सकताहै. लेकिन अधिक समस्या होने पर दवा भी ली जा सकती है.
ऑस्मोफोबिया से ग्रसित व्यक्ति को यह थेरेपी लेनी चाहिए
1. ह्यपनोथेरेपी (Hypnotherapy)– यह थेरेपी व्यक्ति के अचेतन(सबकॉन्शस) प्रोग्राम को दौबारा से जनरेट करने/रिप्रोग्राम करने में मदद करती है जिससे व्यक्ति अपने डर/घबराहट पर काबू पाना सीखता है.
2. एनर्जी साइकोलॉजी– यह थेरेपी बेहद सुरक्षित, प्रभावशाली और लम्बे समय तक कार्य करने वाली थेरेपी है. दरअसल, यह एक ऐसे व्यवहारिक सिद्धांत पर आधारित है जो हजारों साल पुराना है. इसमें बिना सुई के एक्यूपंक्चर किया जाता है. कह सकतें हैं कि यह भावनाओं की एक्यूपंक्चर थेरेपी है. यह थेरेपी मरीज को जल्दी सुधार लाने के लिए प्रेरित करती है. मरीज कम समय में अपने व्यवहार, अपनी सोच, अपने नज़रिए को परिस्थतियों के अनुसार बदलने लगता है. व्यक्ति का खुद पर पूर्ण नियंत्रण होता है साथ ही जीवन उपयोगी अपने कार्य-कौशल प्रणाली को और बेहतर बना लेता है.