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नाश्ते से जूस को कहें बाय बाय…

अपने नाश्ते से जूस को अब अलविदा कह दें. शोध में पाया गया है कि संतरे, खट्टे पके फल और उनके रस का अधिक सेवन करने से मेलेनोमा होने के संकेत मिलते है. खट्टे फलों के 1.6 गुना दैनिक सेवन से 36% तक मेलेनोमा जैसे खतरनाक त्वचा कैंसर का खतरा है. अंगूर और संतरे के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 9, 2015 6:18 PM

अपने नाश्ते से जूस को अब अलविदा कह दें. शोध में पाया गया है कि संतरे, खट्टे पके फल और उनके रस का अधिक सेवन करने से मेलेनोमा होने के संकेत मिलते है.

खट्टे फलों के 1.6 गुना दैनिक सेवन से 36% तक मेलेनोमा जैसे खतरनाक त्वचा कैंसर का खतरा है.

अंगूर और संतरे के जूस को यदि आप अपने नाश्ते में शामिल करतें हैं तो इन्हें जल्द ही अपनी टेबल से हटा दें वरना आप मेलेनोमा जैसे खतरनाक त्वचा कैंसर से ग्रस्त हो सकतें हैं.

क्लीनिकल कैंसर विज्ञान के जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार- मेलेनोमा, त्वचा कैंसर का सबसे खतरनाक रूप है, जो खट्टे फलों के सेवन से अधिक तेज़ी से त्वचा में फैलता है. अध्ययन में पाया गया कि जो लोग अंगूर, संतरे जैसे खट्टे और पके फलों के जूस का सेवन अधिक करतें हैं वह लोग इस तरह के जूस का कम सेवन करने वालों की तुलना में जल्दी ही मेलेनोमा नामक त्वचा कैंसर की गिरफ्त में आते हैं.

अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के अनुसार, 73,870 लोग मेलेनोमा से ग्रस्त पाए गये जिनमें से 9,940 लोगों की मृत्यु कैंसर की वजह से हो चुकी है.

दरअसल, मेलेनोमा का खतरा पराबैंगनी किरणों का त्वचा पर पड़ने से होता है.जैसे- सीधे धूप लेना या पराबैंगनी किरणों से पके फल खाना आदि. मेलेनोमा के खतरे से बचने के लिए सनस्क्रीन लोशन के प्रयोग बारे में पहले भी कई अध्ययनों में बताया गया है. चूँकि खट्टे फलों में पराबैंगनी किरणों का समावेश अधिक होता है इसलिए इनका सेवन न के बराबर करना चाहिए. नीबूं, संतरा, नारंगी जैसे फलों के सेवन से मेलेनोमा का खतरा बढ़ सकता है.

अमेरिकन सोसाइटी ऑफ़ क्लिनिकल ऑन्कोलॉजी,केडॉ वू का कहना है कि- हम ये नही कह रहे कि सभी तरह के खट्टे फल, जूस आदि लेना तुरंत बंद कर दिए जाए पर इस बात का ख्याल रखा जा सकता है कि इनका सेवन कम हो और इनके सेवन के बाद धूप के सीधे प्रकाश से दूर रहें.

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