अपने घर, ऑफिस, वाशरूम आदि को महकाने के लिए अक्सर लोग रूम फ्रेशनर, खुशबूदार मोमबत्तियाँ आदि इस्तेमाल करतें हैं. पर क्या आप जानते हैं? ये महकते हुए केमिकल आपको बीमार बना रहे हैं.
घरों में प्रयोग किये जाने वाले रूम फ्रेशनर और सुगंधित मोमबत्तियाँ आपको बीमार बना रही हैं. इनके प्रयोग से अस्थमा, कैंसर, फेफड़ों की गंभीर बीमारी, ट्यूमर और हमारे डीएनए की संरचना बदल सकती हैं.
हालिया किए गए शोध से ये पता लगा है कि घरों में इस्तेमाल की जाने वाली धूपबत्ती, अगरबत्तियाँ, सुगंधित मोमबत्तियाँ और घर महकाने वाले रूम फ्रेशनर हमें धीरे-धीरे बीमार बना रहे हैं. इन वस्तुओं के इस्तेमाल से निकलने वाला धुआं सिगरेट के धुंए से कहीं ज्यादा नुकसानदायक है. धूपबत्ती में पाए जाने वाले पदार्थ का धुआं हमारे फेफड़ों को धीमी गति से नष्ट करता है.
शोध में पाया गया है कि चन्दन धूप में पाए जाने वाले रसायन तम्बाकू के धुएं की तुलना में हमारे डीएनए की संरचना, हमारी कोशिकाओं को विषैला बना देता है. यही नहीं, ये खुशबूदार धुएं हमारे हारमोंस को भी प्रभावित करते हैं. आंखों की रोशनी, व्यक्ति के मूड और सोचने की क्षमता को भी ये धुआं नुकसान पहुंचता है.
पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड सेण्टर फॉर रेडिएशन, केमिकल एंड एनवायर्नमेंटल हज़ार्ड्स की हालिया रिपोर्ट ने इस बात का खुलासा किया है कि, एयर फ्रेशनर एक ऐसे केमिकल से बना होता है जिसमें ‘ह्यूमन कार्सिनजेनिक’ पाया जाता है जो कैंसर का कारण है. यह सबसे अधिक नाक और गले के कैंसर से जुड़ा हुआ है. न सिर्फ यही बल्कि इस एयर फ्रेशनर के अलावा इस्तेमाल किये जा रहे कुछ पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स में जहरीले केमिकल पाए जातें हैं जिनमें p-dichlorobenzene प्रमुख है जो कीटनाशक के रूप में प्रयोग किया जाता है. यह केमिकल मानव शरीर को धीरे-धीरे बिमारियों से लड़ने के नाकाबिल बना देता है.
2013 में 2,000 से ज्यादा गर्भवती स्त्रियों पर किए गए एक शोध के बारे में इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ पब्लिक हेल्थ ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि, रूम फ्रेशनर के प्रयोग के कारण उनके नवजात शिशु फेफड़ों के संक्रमण और गले की बिमारियों के गंभीर लक्षणों से ग्रस्त पाए गए.
इन हानिकारककेमिकल्ससे बचने के लिए आप घर पर ही नेचुरल रूम फ्रेशनर जैसे- नीबू, बेकिंग सोडा और सिरके का प्रयोग कर बना सकतीं हैं. जो आपको बिमारियों से दूर रखेगा साथ ही आपका घर भी महकाएगा.