21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

प्रेगनेंसी में रोगों का समाधान होमियोपैथी से

गर्भावस्था के दौरान शारीरिक परिवर्तनों के कारण कई प्रकार की समस्याएं होती हैं. इसके अलावा कुछ रोगों के होने का भी खतरा होता है. इन समस्याओं और रोगों से निजात दिलाने में होमियोपैथी काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. गर्भावस्था के दौरान स्त्रियों को कई बीमारियां होने की आशंका होती है. अत: इस दौरान उन्हें समय-समय […]

गर्भावस्था के दौरान शारीरिक परिवर्तनों के कारण कई प्रकार की समस्याएं होती हैं. इसके अलावा कुछ रोगों के होने का भी खतरा होता है. इन समस्याओं और रोगों से निजात दिलाने में होमियोपैथी काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.

गर्भावस्था के दौरान स्त्रियों को कई बीमारियां होने की आशंका होती है. अत: इस दौरान उन्हें समय-समय पर डॉक्टर से जांच करवाते रहना चाहिए. इन रोगों या समस्याओं का उपचार होमियोपैथी से भी किया जा सकता है.

कुछ प्रमुख रोग एवं उपचार

वेरिकोज वेंस : पिछले 10-15 वर्षो में वेरिकोज वेंस के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है. हमारे अनुभव के आधार पर इस दिशा में निमA औषधियां बहुत उपयोगी सिद्ध हुई हैं.

बेलिस पेरेनिस : यदि वेरिकोज वेंस के साथ दर्द एवं कुचल दिये जाने जैसी पीड़ा हो, तब बेलिस पेरेनिस औषधि का प्रयोग 30 या 200 शक्ति में करें. इससे काफी लाभ मिलेगा.

बाइपेरा : यदि पैर लटकाने से कष्ट बढ़े, तो रोगियों को बाइपेरा दें.

ओवेरियन सिस्ट : यदि गर्भावस्था के साथ ओवरी में सिस्ट पैदा हो जाये, तो एपिस 200 दस दिन में एक बार दें. इस दवा से ओवेरियन सिस्ट सिकुड़ जाता है और ओवरी सामान्य हो जाती है.

एल्बुमिनूरिया : गर्भावस्था के दौरान पेशाब की पैथोलॉजिकल जांच हर माह करवाते रहना जरूरी है. यदि जांच में पेशाब में एल्बुमिन पाया जाये, तो काली क्लोर 30 या 200 शक्ति की दवा तीन दिन में एक बार उपयोग करें.

कमर में दर्द : यदि बवासीर के साथ कमर में तेज दर्द हो तथा यह चलने पर बढ़ता हो, तो इस्क्युलस हि 200 शक्ति की दवा तीन दिन में एक बार लें.

छाती में दर्द : छाती में तीव्र दर्द हो और दर्द में छाती को दबाने से आराम मिलता हो, तो कोनियम 200 शक्ति की दवा, तीन दिन में एक बार उपयोग करें.

कब्ज : गर्भावस्था के दौरान कब्ज होने पर ओपियम 200 शक्ति की दवा का उपयोग किया जाना चाहिए.

खांसी : खांसी से पेट में झटके लगते हैं. इस दशा में ड्रोसेरा 200 शक्ति की दवा गर्भावस्था के दौरान उत्पन्न होनेवाली खांसी में अत्यंत लाभप्रद है.

मिट्टी खाने की इच्छा : कुछ महिलाएं गर्भावस्था में अक्सर मिट्टी, चॉक जैसी चीजें खाने लगती हैं. यह जानते हुए भी कि यह सही नहीं है, वे चाह कर भी ऐसा करने से अपने को रोक नहीं पाती हैं. ऐसी अस्वाभाविक इच्छा के लिए एल्युमिना या कैल्केरिया कार्ब का प्रयोग अचूक है.

प्रात:कालीन अवस्था : उलटियां होना गर्भावस्था के दौरान सामान्य है. इन उल्टियों की होमियोपैथी में कई दवाएं हैं. लक्षणों की समानता के अनुसार कोई भी दवा मेटेरिया, मेडिको की सहायता से दी जा सकती है. मेरे अनुभव से इस दशा में एपीमॉर्फिया बहुत ही लाभदायक दवा है.

कलेजे में जलन : यह भी गर्भावस्था का बहुत ही सामान्य रोग है. इस अवस्था में नेट्रक फास 200 या रोबिनिया बहुत ही लाभदायक दवाएं हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें