चंद्रमुखी चौटाला (एफआइआर) के नाम से घर-घर का परिचित चेहरा बन चुकीं कविता कौशिक हाल ही में झलक दिखला जा में नजर आयी थीं. कविता शारीरिक, मानसिक और जज्बाती तौर पर मजबूती को फिटनेस करार देती हैं. वह बताती हैं कि मजबूत दिमाग के बिना खूबसूरत शरीर अधूरा है और फिटनेस की यही परिभाषा है. एक नजर उनकी फिटनेस और डायट पर.
मैं जिम नहीं जा सकती, क्योंकि रोज शूटिंग के बिजी शेड्यूल में मेरे लिए मुमकिन नहीं है. इसलिए मैं अपनी फिटनेस के लिए दूसरे तरीके ढूंढ़ती रहती हूं. मेरा घर 30वीं मंजिल पर है. हफ्ते में कम-से-कम तीन दिन मैं सीढ़ियों का इस्तेमाल करती हूं. इससे बॉडी की वार्मअप हो जाती है.
रूटीन लाइफ में मैं घर पर एक घंटा योग करती हूं. कुछ आसन करने के बाद मैं 15-20 मिनट मेडिटेशन करती हूं. मेडिटेशन से बहुत सुकून मिलता है. यह नकारात्मक चीजों को आपसे दूर रखता है. मैं सभी को यही बात कहूंगी कि पूरे दिन में एक घंटा अपने लिए निकालिए. उस समय फिजकल एक्टिविटी कीजिए, फिर चाहे जिम हो, योग हो, डांस या फिर कोई खेल. वैसे मुङो भी स्वीमिंग करना भी बहुत रोमांचित करता है.
समोसा है मेरी कमजोरी
नाश्ते में मैं अंडा के साथ दूध लेती हूं. कभी उबले अंडे तो कभी मशरुम ऑमलेट, कभी चीज ऑमलेट तो कभी मैक्सिन ऑमलेट. यह मेरी भूख पर निर्भर करता है कि क्या खाना है. अगर कभी ऑमलेट खाने का मन नहीं होता है, तो ओट्स सब्जियों के साथ लेती हूं.
लंच में मैं मटन और चावल लेना पसंद करती हूं. मटन खाना बहुत पसंद है. लेकिन जब मेरे गाल मुङो ज्यादा फैटी लगने लगते हैं, तो मैं आलू-गोभी की सब्जी और रोटी खाना शुरू कर देती हूं. शाम के स्नैक्स में ढोकला तो कभी फेवरेट समोसा खा लेती हूं. समोसे से दूर नहीं रह सकती. यह मेरी कमजोरी है. साक्षी तंवर मेरी अच्छी दोस्त हैं. वह मेरे लिए कभी-कभी ढोकला और समोसा लेकर आती हैं और हम दोनों मिल कर शाम का स्नैक्स लेते हैं.
डिनर हल्का लेती हूं. सिर्फ सूप लेती हूं. मैं रात के आठ बजे के बाद कुछ भी नहीं खाती. पर्याप्त पानी पीती हूं. मुङो ऑगेर्निक फ्रूट्स और सब्जियां बहुत पसंद हैं. जब कभी अब्रोड में होती हूं, तो जम कर ऑर्गेनिक फूड्स की शॉपिंग करती हूं. एक चीज सख्ती से फॉलो करती हूं, वह है समय से खाना.
बातचीत : उर्मिला कोरी, मुंबई