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अपनाइए जंक फूड के स्वास्थ्यवर्धक विकल्प

आजकल जंकफूड का सेवन आम बात है. लेकिन इससे मोटापा, कब्ज, गैस आदि समस्याएं बढ़ गयी हैं. इस कारण हृदय, लिवर व हड्डी रोग भी बढ़ चुके हैं. डॉक्टर हमेशा हेल्दी फूड लेने की सलाह देते हैं, जबकि हॉस्पिटल के डायट चार्ट का रोज पालन करना संभव नहीं है. जंक फूड के शौकीन लोगों के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 18, 2015 7:03 AM
आजकल जंकफूड का सेवन आम बात है. लेकिन इससे मोटापा, कब्ज, गैस आदि समस्याएं बढ़ गयी हैं. इस कारण हृदय, लिवर व हड्डी रोग भी बढ़ चुके हैं. डॉक्टर हमेशा हेल्दी फूड लेने की सलाह देते हैं, जबकि हॉस्पिटल के डायट चार्ट का रोज पालन करना संभव नहीं है. जंक फूड के शौकीन लोगों के लिए रोज एक जैसा भोजन देने पर यह उन्हें डिप्रेशन में लाने जैसा है. यदि केक, चिप्स, बर्गर, नूडल्स, पास्ता, चॉकलेट, कॉफी इत्यादि के स्वास्थ्यवर्धक विकल्प उपलब्ध हों, तो किशोरावस्था स्वस्थ होगा. यहां प्रस्तुत हैं कुछ ऐसी ही रेसिपीज.
कोल्ड ड्रिंक्स नहीं, फ्रूट जूस लें
कोल्ड ड्रिंक्स पीना बच्चों, किशोरों व बड़ों के लिए आम बात है. ये काबोर्नेटेड पेय पदार्थ होते हैं, जो हड्डियों व शरीर के लिए नुकसान देह होते हैं. कोशिश करें कि जब भी ठंडा पीने की ललक हो, तो फलों का जूस या नारियल पानी आजमाएं. यह प्यास बुझाने के साथ ही स्वास्थ्य के अनुकूल भी होगा. अनन्नास, नारंगी, मौसमी, पपीता, मैंगोशेक, मिक्सफ्रूट जूस ज्यादा फायदेमंद होते हैं
बर्गर नहीं, मल्टीग्रेन सैंडविच
डीप फ्राइ किये हुए पोटैटो के साथ चीज, क्रीम, डिब्बाबंद सॉस के साथ लपेटा हुआ बर्गर देखने में लुभावना जरूर दिखता हो, पर इनमें सेचुरेटेड फैट काफी अधिक होते हैं. इनसे मोटापा, हृदयरोग, ब्लड प्रेशर आदि समस्याएं बढ़ती हैं. इसकी जगह मल्टीग्रेन सैंडविच बेहतर विकल्प है. ब्राउन ब्रेड से बना यह सैंडविच फ्रेश वेजिटेबल, होम मेड चटनी, काली मिर्च नमक के स्वाद के साथ आता है.
पास्ता नहीं, होल व्हीट पास्ता
रेडी-टू-इट पास्ता में अनहाइजेनिक प्रिजरवेटिव सॉस का प्रयोग होता है. इससे कब्ज, गैस, मोटापा, संक्रमण व अन्य रोग होते हैं.
इसकी जगह होल व्हीट पास्ता का प्रयोग बेहतर है. यह क्रीम, डिब्बाबंद सॉस में बनने की जगह ताजा टमाटर से पकाया जाता है. यह पौष्टिक व स्वादिष्ट होता है.
चॉकलेट नहीं, घर की मिठाइयां
कई बच्चे डार्क चॉकलेट खाने के शौकीन होते हैं. वे इसे रोज खाते हैं. इसमें पाये जानेवाले कोकोया व फैट बीपी, मोटापा व अन्य रोगों को बढ़ावा देते हैं. इसकी जगह कस्टर्ड, खीर पुडिंग शेक इत्यादि दें.
घर की बनी ताजी मिठाइयों में नट्स मिला दें, तो ये अधिक फायदेमंद होते हैं. चायकॉफी की जगह सत्तू शेक, छाछ, लस्सी, ग्रीन टी, नीबू पानी इत्यादि लेना बेहतर होता है. सुबह की शुरुआत ग्रीन टी, सत्तू या दूध से करें.
नूडल्स की जगह सेवई मसाला
नूडल्स का विकल्प सेवई है. सेवइयों को नूडल्स की भांति बनाएं. लंबी-पतली कटी शिमला मिर्च, टमाटर, प्याज, पत्तागोभी के साथ मिला कर नये अंदाजवाला मसाला सेवई का टेस्ट नूडल्स से कम नहीं होगा.
पोटैटो चिप्स की जगह पापड़
नमकीन स्नैक्स जैसे-चिप्स, कुरकुरे इत्यादि खाने की तीव्र इच्छा होना, शरीर में पोटैशियम की कमी के लक्षण हो सकते हैं. पैक्ड फूड खाने में जितने आसान होते हैं, उनमें पाये जानेवाले फैट उतनी ही मुश्किल से पचते हैं. इसकी जगह घर में सेंके हुए मसाला पापड़ दिये जा सकते हैं.
पापड़ के ऊपर महीन कतरी गयी, टमाटर, प्याज, हरीमिर्च, धनिया पत्ती व चाट मसाला से सजा कर परोसा व खाया जाये, तो यह रेसिपी पैकेटवाले नमकीन स्नैक्स से कहीं ज्यादा स्वादिष्ट और लाभप्रद होगी.

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