बेस्ट है दिमाग के लिए नेचुरल फूड
हाई प्रोटीन डाइट, डेरी प्रोडक्ट और जूस को अपनी रोजाना की डाइट बनाने से बेहतर है कि सभी प्रकार के नेचुरल फूड यानी फल और सब्जियों को अपने रोज के खान-पान में अधिक मात्रा में शामिल किया जाए. मानसिकदबावऔर शुरूआती अवसाद से बचने के लिए फल और सब्जियों को खाना लाभदायक है. ओपन एक्सेस जर्नल […]
हाई प्रोटीन डाइट, डेरी प्रोडक्ट और जूस को अपनी रोजाना की डाइट बनाने से बेहतर है कि सभी प्रकार के नेचुरल फूड यानी फल और सब्जियों को अपने रोज के खान-पान में अधिक मात्रा में शामिल किया जाए. मानसिकदबावऔर शुरूआती अवसाद से बचने के लिए फल और सब्जियों को खाना लाभदायक है.
ओपन एक्सेस जर्नल बीएमसी मेडिसिन में प्रकाशित शोध के अनुसार, खान-पान का तरीका मानव के दिमागी गतिविधियों के साथ जुड़ा हुआ है. 15,094 लोगों पर हुए इस शोध में लोगों ने इस बात को माना है कि फल और सब्जियों के अधिक सेवन से उनके मानसिक दबाव, चिंता और शुरूआती अवसाद में सकारात्मक फर्क देखा जा सकता है.
हमारे आहार का हमारे शारीरिक स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ता है इस बारे में पहले भी कई शोध किये जा चुकें हैं. यह पहली बार है जब आहार का हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन किया गया.
कुछ फूड आइटम जैसे- मीट, मीठा और ट्रांस फैट युक्त आहार लेने से हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर नकारत्मक असर होता है जबकि इनकी जगह यदि फल और सब्जियां खाई जाएं तो यह सकारात्मक प्रभाव दर्शाती हैं.
सभी प्रकार के नेचुरल फूड जैसे- फल और सब्जियां और सूखे मेवे ओमेगा-3 के भरपूर सोर्स है जो व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरुरी होता है.
इस अध्ययन के लिए अलग-अलग मानसिक परेशानियों से ग्रस्त 15,094 लोगों को अलग-अलग आहार दे कर प्रयोग किया गया जिसमें यह बात स्पष्ट हो गई कि किसी भी अन्य प्रकार के आहार से बेहतर मानसिक स्वास्थ्य के लिए फल और सब्जियां अत्यंत उपयोगी हैं.
शोधकर्ताओं का कहना है कि हम जानते थे कि नेचुरल फूड हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद उपयोगी है लेकिन यही फूड हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी आवश्यक है यह जानना हमारे लिए ख़ुशी की बात है क्योंकि इस जानकारी के बाद हम दवाइयों का सेवन कम कर सकेंगे और नेचुरल फूड पर ज्यादा ध्यान देंगे जो हर प्रकार से सुरक्षित होगा.