Loading election data...

एक ही दवा से हो सकेगा अल्जाइमर और डायबिटीज का इलाज

वैज्ञानिकों का कहना है कि एक दशक में एक ऐसी दवा ईजाद हो जाएगी जो अल्जाइमर और डायबिटीज दोनों के इलाज में काम आएगी. यह बेहद आश्चर्यजनक स्थिति होगी कि एक ही दवा में दो रोगों से एक साथ लड़ने की क्षमता होगी. ज्यादातर अल्जाइमर के मरीजों में या तो टाइप टू का डायबिटीज होता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 20, 2015 12:40 AM

वैज्ञानिकों का कहना है कि एक दशक में एक ऐसी दवा ईजाद हो जाएगी जो अल्जाइमर और डायबिटीज दोनों के इलाज में काम आएगी. यह बेहद आश्चर्यजनक स्थिति होगी कि एक ही दवा में दो रोगों से एक साथ लड़ने की क्षमता होगी.

ज्यादातर अल्जाइमर के मरीजों में या तो टाइप टू का डायबिटीज होता है या फिर ग्लूकोज की इतनी अधिकता होती है कि वह शरीर की सहनशीलता से अधिक हो यानी वे डायबिटीज की बॉर्डरलाइन पर होते हैं. ऐसा माना जाता है कि रसायनों की पारस्परिक क्रिया में दो तरह के ​घातक प्रोटीन मुख्य भूमिका में होते हैं, जिन्हें एक साथ नियंत्रित किए जाने की जरूरत है. वैज्ञानिकों में इस संबंध में प्रभावी इलाज खोज पाने की होड़ लगी हुई है.

यूनिवर्सिटी ऑफ़ एक्रॉन, ओहियो के डॉ. जी जेंग के नेतृत्व में इस दवा की खोज हो रही है. उन्होंने कहा, यह संभव है कि इन दोनों परिस्थितियों को एक ही पिल के जरिये एक साथ इलाज हो सके और ऐसी दवा दस साल के भीतर खोज ली जाएगी. यह दोनों परिस्थितियां एक ही पेप्टाइड एग्रेगेट्स के कारण होती हैं और उनकी जीव वैज्ञानिक और संरचनात्मक क्रिया एक जैसी होती है. हम ऐसी कॉमन दवा की खोज कर रहे हैं जो एक साथ इस पेप्टाइड को रोक सके.

अक्सर देखा गया है कि 60 की उम्र के बाद ​डायबिटीज होता है और बाद में यह अल्जाइमर में डेवलप हो जाता है. इसका एक कारण यह भी है कि डायबिटीज रक्त कोशिकाओं यानी ब्लड सेल्स को क्षतिग्रस्त करता है. इसके अलावा, याददाश्त में इन्सुलिन की अहम भूमिका होती है और डायबिटीज में इन्सुलिन की ही कमी होती है. यानी अल्जाइमर और डायबिटीज एक दूसरे से जुड़ी बीमारियां हैं.

Next Article

Exit mobile version