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क्या सच में धूम्रपान के खतरे जानते हैं आप?

आमतौर पर ये माना जाता है कि धूम्रपान के कारण फेफड़ों का कैंसर होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि धूम्रपान ह्रदय रोगों, स्ट्रोक, नपुंसकता और दूसरी गंभीर फेफड़ों की बीमारियों के लिए भी जिम्मेदार है. यही नहीं धूम्रपान मूत्राशय, गले, मुंह, गुर्दे, गर्भाशय और अग्न्याशय के कैंसर का भी कारण हो सकता है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 22, 2015 4:24 PM

आमतौर पर ये माना जाता है कि धूम्रपान के कारण फेफड़ों का कैंसर होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि धूम्रपान ह्रदय रोगों, स्ट्रोक, नपुंसकता और दूसरी गंभीर फेफड़ों की बीमारियों के लिए भी जिम्मेदार है. यही नहीं धूम्रपान मूत्राशय, गले, मुंह, गुर्दे, गर्भाशय और अग्न्याशय के कैंसर का भी कारण हो सकता है.

जानिए धूम्रपान से जुड़े कुछ तथ्य…

कोरोनरी हृदय रोग से होने वाली मौतों में से लगभग एक तिहाई मौत धूम्रपान करने वालों के सम्पर्क में आए व्यक्ति की होती है.

धूम्रपान से संबंधित बीमारियां सभी दीर्घकालिक धूम्रपान करने वालों की उम्र, धूम्रपान न करने वालों की अपेक्षा 13 साल (पुरुषों में) और 14 साल (महिलाओं में) घटा देती है. चौंकाने वाली बात ये है कि इससे ज्यादा बीमारियां धूम्रपान न करने वालों को होती हैं जो धूम्रपान कर रहे व्यक्ति के सम्पर्क में रहते हैं.

2007 की एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रत्येक वर्ष दुनिया भर में 4.9 मिलियन लोग धूम्रपान की वजह से मरते हैं. अकेले संयुक्त राज्य अमेरिका में ही हर साल 90% लोग धूम्रपान की वजह से मरते हैं.

2010 में प्रकाशित 20,000 से अधिक इज़रायली सैन्य रंगरूटों पर किये गये एक अध्ययन के अनुसार, धूम्रपान करने वालों में धूम्रपान न करने वालों की तुलना में कम बुद्धि (I.Q.) होती है. जिन्होंने कभी धूम्रपान नहीं किया उनकी औसत बुद्धि 101 थी, जबकि एक पैकेट से अधिक धूम्रपान करने वालों की औसत बुद्धि 90 थी.

धूम्रपान करने वाले अपने व्यवहार को युक्ति संगत बताते हैं. या कह सकते हैं कि वह समझाने के लिए, तर्क कला विकसित करते हैं कि उनके लिए धूम्रपान आवश्यक क्यों है, हालांकि जरूरी नहीं कि कारण तार्किक हों. उदाहरण के लिए, एक धूम्रपान करने वाला यह कह कर अपने व्यवहार को सही बता सकता है कि हर कोई मरता है और इसलिए सिगरेट पीने से कुछ नहीं होता. या एक व्यक्ति यह विश्वास कर सकता है कि धुम्रपान तनाव से छुटकारा दिलाता है या इसके कई अन्य लाभ हैं जो इसके जोखिम को सही ठहराते हैं. धूम्रपान करने वाले, जिनकी प्रत्येक सुबह सिगरेट से शुरुआत होती है, अक्सर सकारात्मक प्रभावों को व्यक्त करेंगे, किन्तु वे स्वीकार नहीं करेंगे कि उन्हें ख़ुशी की कमी महसूस हो रही है. और इस ख़ुशी के "सामान्य" स्तर को पाने के लिए वे धूम्रपान करेंगे.

धूम्रपान करने वाले मिलनसार, आवेगी, जोखिम उठाने वाले और जुनूनी होते हैं. ज्यादातर धूम्रपान शुरू करने वाले लोग 21 से 34 की उम्र के बीच के होते हैं. धूम्रपान छोड़ने के लिए सबसे अच्छी उम्र 40 से पहले की है क्योंकि इसके बाद व्यक्ति की इच्छाशक्ति कमजोर पड़ने लगती है.

किसी भी हालात में सेकेंड हैंड धुएं के संपर्क में रहने वाले यानी धूम्रपान करने वाले व्यक्ति के संपर्क में रहने वाला व्यक्ति धूम्रपान से जुड़ी बिमारियों से जल्दी ग्रस्त होता है.

प्रतिदिन एक सिगरेट पीने से धूम्रपान करने वाले व्यक्ति के लिए, धूम्रपान ना करने वाले व्यक्ति की अपेक्षा दिल के दौरे की संभावना पचास प्रतिशत बढ़ जाती है.

एक रिसर्च द्वारा, धूम्रपान में 5000 से भी ज्यादा केमिकल पाए जाते हैं. जिनमें से 100 से कहीं ज्यादा केमिकल स्वास्थ्य के लिए गंभीर रूप से हानिकारक होते हैं.

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