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थायराइड कैंसर- जानकारी ही इलाज है

सामान्य दिनचर्या के बाद भी यदि आपको ज्यादा थकान होने लगती है तो आप इसे अवॉयड न करें. अचानक वजन बढ़ने और घटने को भी नजरअंदाज न करें. गले में सूजन, बालों का झड़ना, आवाज़ में बदलाव आदि ऐसे लक्षण हैं जो थायराइड की और इशारा करते हैं. थायराइड बीमारी महिलाओं में अधिक देखने को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 25, 2015 1:24 AM
सामान्य दिनचर्या के बाद भी यदि आपको ज्यादा थकान होने लगती है तो आप इसे अवॉयड न करें. अचानक वजन बढ़ने और घटने को भी नजरअंदाज न करें. गले में सूजन, बालों का झड़ना, आवाज़ में बदलाव आदि ऐसे लक्षण हैं जो थायराइड की और इशारा करते हैं.
थायराइड बीमारी महिलाओं में अधिक देखने को मिलती है लेकिन दैनिक अनियमिताओं और हार्मोन्स के बदलावों के कारण यह पुरुषों में भी हो सकता है. थायराइड ग्रंथि जब गाँठ में तब्दील हो जाती है तब थायराइड बीमारी थायराइड कैंसर का रूप ले लेती है.
थायराइड कैंसर, थायराइड से अलग है. इसकी शुरूआत थायराइड के गांठ से होती है. यह गांठ पहले एक निश्चित हिस्सें में होती है फिर धीरे-धीरे यह फैलती है और फिर यह गांठ दूसरे हिस्सों में फैलती जाती है. इस गांठ के फैलने से खांसी, खांसी के साथ खून आना, जैसी समस्या यें होने लगती हैं. इसके अलावा अगर यह गांठ फैल रही है तो शरीर के दूसरे हिस्सों में भी फैलने लगती है. शुरूआत में यह गांठ केवल गले में होती है फिर यह गले के दूसरे हिस्सों में फैलने लगती है. यह गांठ धीरे-धीरे सांस नली और आहार नली को अपना शिकार बना लेती है. इसके कारण ही खांसने के दौरान खून निकलता है और सांस लेने में समस्याह होती है, आवाज में भारीपन और भरभराहट होने लगती है.
थायराइड कैंसर का इलाज बाकी अन्य कैंसर के मुकाबले जटिल नहीं है. सबसे पहले ऑपरेशन के जरिए उसका इलाज किया जाता है. जिसमें थायराइड की बड़ी गांठ और उसके आसपास की छोटी-छोटी गांठों को निकाला दिया जाता है. इसके बाद जो थायराइड के कण बच जाते हैं उन्हें एक खास किस्म के रेडियोएक्टिव आयोडीन(कैंसर सेल्स को जलाने के लिए प्रयोग की जाती है) द्वारा जलाया जाता है.
जरुरी है बचाव..

-आयोडीन नमक का आहार में प्रयोग करना चाहिए.
सोयाबीन और सोया से बनी चीज़े, दूध, अंडा, अखरोट और समुद्री भोजन यानी सी फूड का सेवन करना लाभकारी होता है.
-पत्ता और फूल गोभी, शलगम, फलों के रस, ब्रेड, पास्ता, चावल आदि का प्रयोग न करें.
-खट्टा, दही, नीबू, अचार का सेवन नहीं करना चाहिए.

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