इस खोज के बाद वैज्ञानिकों ने मच्छरों से बचने के लिए बदबूदार क्रीम, तेल की जगह मच्छर विरोधी की दावा की बनाने की बात की.
लन्दन स्कूल, मेडिकल एंटोमोलोजी के सीनियर लेक्चरर डॉ. लोगन का कहना है कि मच्छर को प्रभावित करने वाली गंध के जीन की खोज के बाद हमारे लिए यह जानना आसान हो गया है कि किस प्रकार मच्छरों से बच के रहा जा सकता है, किस तरह से इनके इन्फेक्शन और बीमारी से बचा जा सकता है.
अगर हम ये जान ले कि हर व्यक्ति का जीन दुसरे से भिन्न होता है तो यह मुमकिन है कि हम मच्छरों को रोक सके. उनके प्रभाव को, उनके विकास को, उनसे होने वाली गंभीर बिमारियों को रोक सकेंगे. भविष्य में हम एक ऐसी दवा को बनायेंगे जो प्राकर्तिक रूप से बिना किसी लोशन के मच्छरों से निजात दिला सकेगी.
इस शोध से सम्बंधित परिक्षण में 18 विशेष गंध वाली जुड़वां महिलाओं और 19 सामान्य जुड़वां महिलाओं को सम्मिलित कर पाया गया कि जुड़वां महिलाएं उसी तरह से मच्छरों को आकर्षित कर रही थीं जैसे एक विशेष गंध वाला मोटा व्यक्ति करता है. यानी जीन इस गंध के लिए जिम्मेदार है.
प्रयोग में प्रेग्नेंट महिलाओं को भी शामिल किया गया और उन महिलाओं को भी जो प्रेग्नेंट नहीं थीं. इस प्रयोग में आश्चर्य करने वाली बात सामने आई कि मच्छर प्रेग्नेंट महिलाओं को ज्यादा काटते हैं.
वैज्ञानिक इस गंध से जल्द ऐसी दावा बनायेंगे जो मच्छरों को दूर करने में कारगार होगी.