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क्या आप भी किसी लत के शिकार हैं?

अगर आप ये सोच कर शर्मिंदा होते हैं कि आप किसी लत के शिकार हैं तो ऐसा न सोचें. तीन में से एक व्यक्ति किसी न किसी लत का शिकार जरुर होता है. लत केवल सिगरेट, शराब, ड्रग्स आदि नशीली चीजों की ही नहीं होती बल्कि कई ऐसी आदतें हैं जो व्यक्ति को अपना शिकार […]

अगर आप ये सोच कर शर्मिंदा होते हैं कि आप किसी लत के शिकार हैं तो ऐसा न सोचें. तीन में से एक व्यक्ति किसी न किसी लत का शिकार जरुर होता है. लत केवल सिगरेट, शराब, ड्रग्स आदि नशीली चीजों की ही नहीं होती बल्कि कई ऐसी आदतें हैं जो व्यक्ति को अपना शिकार बना लेती हैं.

किसी भी कार्य को करने में या किसी चीज़ के इस्तेमाल करने में और किसी भी कार्य के चरम तक पहुँचने में जहां आपको उससे नुकसान होने लगे, वो कार्य लत कहलाता है.

हालाकि ज्यादातर लत को जुआ, ड्रग्स, अल्कोहल और निकोटीन के सेवन से जोड़ा जाता है. लेकिन लत किसी चीज़, किसी कार्य और किसी भी सोच को लेकर हो सकती है.

जैसे-

-कुछ लोगों को काम करने की लत होती है. वो लोग इतना ज्यादा काम करते हैं कि उनका शरीर बिमारियों का घर बन जाता है. अक्सर ऐसे लोगों के रिश्ते टूटते हैं और घर में कलेश रहता है लेकिन ऐसे लती लोग इन सब बातों की चिंता किये बिना अपना काम करते रहते हैं.

ऐसे लोगों के लिए छुट्टी, हॉलिडे, फॅमिली कोई मायने नहीं रखती.

-हम सभी इन्टनेट का इस्तेमाल करते हैं लेकिन आज कल ये युवाओं में लत का विषय बन गया है. हर वक़्त हाथ में मोबाइल और मोबाइल में इन्टनेट का इस्तेमाल करना हमारी आज की पीढ़ी का पसंदीदा शगल है. ज्यादतर युवा दिन के कई घंटे कंप्यूटर और मोबाइल पर इन्टनेट का इस्तेमाल करते पाए जाते हैं. ये लत धीरे-धीरे इन युवाओं को स्ट्रेस का शिकार बनाता जाता है.

-इसी तरह से महिलाओं को शॉपिंग की और कुछ लोगों को गहने इकट्ठे करने की लत होती है. जिसके लिए वो उधारी की ज़िन्दगी जीते हैं. लेकिन अपनी लत नही छोड़ते.

जाने क्या कारण है लत लगने का

लत लगने के कई कारण हो सकते हैं. नशीली वस्तुओं के बारे में कहें तो यह वस्तुएं शरीर में नशा पहुंचाती हैं जो लोगों को आनंद का अनुभव कराता है. उन्हें रिलेक्स फील होता है. जिसकी बाद व्यक्ति उस एहसास को बार-बार फील करने के लिए नशे का आदि हो जाता है.

इसी तरह जुआ खेलना भी मानसिक स्तर को जीतने के बाद ऊँचाई पर ले जाता है जो व्यक्ति में सुपिरिअर की भावना को जाग्रत करता है. एक कमजोर, हारा हुआ व्यक्ति यदि जुआ खेलता है तो उसके पीछे उसकी कुंठा होती है. एक बार जीत जाने के बाद वो बार-बार अपनी कुंठा को शांत करने के लिए जुआ खेलना है और बर्बाद होता जाता है.

दरअसल लत लगने से व्यक्ति के मानसिक स्वभाव को शांति का अनुभव होता है. उसका सुखद अनुभव उसे हर बार, अगली बार के लिए प्रोत्साहित करता है. इसलिए जब तक व्यक्ति पूरी तरह से लत का शिकार नही हो जाता तब तक वो अपने अनुभव को दोहराता रहना चाहता है.

कैसे करें मदद…

किसी भी ऐसे व्यक्ति की मदद करना जो किसी लत का शिकार हो, बड़ा ही संयम का काम होता है. इसके लिए सबसे पहले जरुरी है किसी संस्था जो इस तरह के कार्यों में संलग्न हो, उससे सलाह लें. इसके बाद व्यक्ति को सकारात्मक रूप से समझाने का प्रयास करें. इस बात का ख्याल रखें कि वो व्यक्ति अपनी लत के कारण आप पर गुस्सा भी कर सकता है ऐसी स्थति के लिए तैयार रहें.

इसके अलावा व्यक्ति के परिवारजनों से मिल कर उन्हें व्यक्ति के साथ सहज तरीके से पेश आने और उसको स्नेह के साथ डील करने को कहें.

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