Loading election data...

डिमेंशिया दूर करेगा विटामिन-डी का सेवन

विशेषज्ञों ने इस बात की पुष्टि की है कि सनशाइन यानी धूप से और विटामिन-डी लेने से डिमेन्शिया को कम किया जा सकता है. जो लोग अल्जाइमर/डिमेन्शिया से पीड़ित है और मानसिक अवस्था से अस्वस्थ होते जा रहें हैं उनके लिए सूर्य से मिलने वाली विटामिन यानी सनशाइन विटामिन बीमारी से लड़ने में कारगार है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 29, 2015 12:58 AM

विशेषज्ञों ने इस बात की पुष्टि की है कि सनशाइन यानी धूप से और विटामिन-डी लेने से डिमेन्शिया को कम किया जा सकता है. जो लोग अल्जाइमर/डिमेन्शिया से पीड़ित है और मानसिक अवस्था से अस्वस्थ होते जा रहें हैं उनके लिए सूर्य से मिलने वाली विटामिन यानी सनशाइन विटामिन बीमारी से लड़ने में कारगार है.

60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों की याददाश्त अक्सर कमजोर हो जाती है. लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है, याददाश्त की कमजोरी से निपटने के लिए विटामिन-डी के सप्लीमेंट काफी फायदेमंद हैं.

सयुंक्त राज्य अमेरिका के वैज्ञानिकों ने दावा किया है, विटामिन-डी में बड़ी मात्रा में हीलिंग प्रोपर्टीज पाई जाती है. विटामिन-डी हड्डियों को मजबूत करने में ख़ास भूमिका निभाता है. इसके अलावा विटामिन-डी अंडा, चीज़ और मछली के गुणों को हड्डियों में सोखने में मदद करता है.

लेकिन इन सब के अलावा विशेषज्ञों ने अपने शोध में विटामिन-डी को ब्रेन फंक्शन को खास प्रभावित करते हुए पाया है. 60 और 90 की आयु वर्ग के 382 लोगों पर अध्ययन करने के बाद

वैज्ञानिकों ने देखा कि विटामिन-डी मानसिक स्वास्थ को बढ़ाता है जिससे डिमेन्शिया जैसी बीमारी दूर की जा सकती हैं.

कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के अल्जाइमर डिजीज सेंटर में 2002 से 2010 सालों के बीच रोगियों की मानसिक चेतना को टेस्ट किया गया. इस टेस्ट में समान्य रूप से पागल, कम पागल और पागलपन से ग्रस्त रोगियों को भी शामिल किया गया. इसमें पागलपन और विटामिन-डी के असर के पिछले अध्ययनों को देखने पर असर विपरीत पाए गए.

इनमें 70साल के रोगियों में विटामिन-डी की मात्रा कम मिली. जिसकी वजह से उनकी याददाश्त, पागलपन और मानसिक कमजोरी को तेज़ी से गिरता हुआ पाया गया. सवाल-जवाबों के दौरान जिन रोगियों में विटामिन-डी की मात्रा कम थी उन्होंने जल्दी जवाब नहीं दिए जबकि जिन रोगियों में उनकी अपेक्षा अधिक विटामिन-डी की मात्रा थी उन्होंने तुरंत जवाब दिया.

इस शोध से यह कहा जा सकता है कि कम विटामिन-डी का होना रोगी को और रोगी बनाता है जबकि विटामिन-डी का सामान्य होना उन्हें सामान्य रोगी ही रहने देता है.

बहुत ज्यादा संभावनाएं हैं कि अल्जाइमर से ग्रस्त रोगी को डिमेन्शिया भी हो. इसके अलावा कई और रोग है जो इन दोनों रोगों के साथ होते है या हो सकते हैं. विटामिन-डी इन रोगों के होने की संभावनाओं को कम करता है.

रोगियों के लिए बेहतर होगा की उन्हें धूप और विटामिन-डी का डोज दिया जाए ताकि उनकी बीमारी बढ़े न कम से कम स्थिर रहे.

Next Article

Exit mobile version