बढ़ती उम्र में करें झाइयों का घरेलू उपचार
बढ़ती उम्र के साथ त्वचा संबंधी परेशानियां सबसे पहले आती हैं. खास कर महिलाओं को इस तरह की दिक्कतों का सामना तीस के पार होते ही करना शुरू हो जाता है. बाजार में हजारों की तादात में कई कॉस्मेटिक्स क्रीम और लोशन मौजूद हैं जो झुर्रियां और झाइयों को मिटाने का दावा करती हैं लेकिन […]
बढ़ती उम्र के साथ त्वचा संबंधी परेशानियां सबसे पहले आती हैं. खास कर महिलाओं को इस तरह की दिक्कतों का सामना तीस के पार होते ही करना शुरू हो जाता है. बाजार में हजारों की तादात में कई कॉस्मेटिक्स क्रीम और लोशन मौजूद हैं जो झुर्रियां और झाइयों को मिटाने का दावा करती हैं लेकिन इन सभी के साइडइफेस्ट्स भी बहुत होते है. जिनकी वजह से त्वचा खराब हो जाती है.
बढ़ती उम्र के साथ झाइयों का आना स्वाभाविक बात है लेकिन इसके लिए अपनी त्वचा पर केमिकल को झेलना खतरनाक हो सकता है. केमिकल के प्रयोग से त्वचा रूखी, सूखी और खुश्क हो जाती है. ज्यादा संवेदनशील होने पर त्वचा जल जाती है, काली पड़ जाती है. कई मामलों में केमिकल के रोजाना इस्तेमाल से चर्म रोग हो जाते हैं. इन सबसे बचने के लिए जरुरी है कि कुछ घरेलू उपाय आजमाये जाएं.
क्या करें…
-सबसे पहले खट्टे, नमकीन, तीखे, गर्म तासीर वाले, देर से हजम होने वाले तथा तेज़ मसालेदार आहार लेना बंद कर दें.
-पानी भरपूर लें.
-जायफल को पानी या दूध में घिसकर झाइयों पर लगाएं.
-अदरक को पीसकर झाइयों पर लेप की तरह लगाएं. एक-दो घंटे के बाद स्नान करते समय इसे हल्के हाथों से निकालते जाएं.
-नारियल का तेल लगाएं. कुछ दिन ऐसा करने से झाइयाँ दूर हो जाती हैं.
-हल्दी, बसेन और मुलतानी मिट्टी मिलाकर पानी या गुलाबजल में मिलाकर पेस्ट बना लें. इस पेस्ट को झाइयों लगाएं और आधे घंटे बाद हल्के गर्म पानी से धो दें.
-एलोवेरा के साथ कच्चा गाय का दूध मिलाकर झाइयों पर लगाएं. आधा घंटे छोड़ने के बाद कुनकुने पानी से धो लें.
-चंदन पाउडर को भी गाय के दूध में मिला कर लगाया जा सकता है.
-सुबह खाली पेट एक ताजी मूली और उसके कोमल पत्ते चबाएं. थोड़ी सी मूली पीसकर चेहरे पर मलें. यह दोनों प्रयोग एक साथ, एक माह तक करें फिर फर्क देखें.
-प्याज के बीज पीसकर शहद के साथ मिलाकर चेहरे पर लगाएं. फिर धीरे-धीरे रब करें. 2 से 3 दिन तक यह क्रिया दोहराएं. इससे झाइयाँ दूर हो जाएंगी और त्वचा की खोई चमक लौट आएगी.
-अपने आहार को बदलें. फल और सब्जियां अधिक खाएं.
सबसे जरुरी, किसी भी एक विधि को आजमाएं और परिणाम का इंतज़ार सब्र के साथ करें. जल्दबाजी के चक्कर में एक के बाद एक प्रयोग न करने लगें.