बच्चों को टाइफाइड से ऐसे बचाएं
टाइफाइड (Typhoid) एक संक्रामक रोग है जो किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है. लेकिन कमजोर इम्यून सिस्टम के चलते और साथ खेलते, बैठते टाइफाइड बच्चों को अधिक होता है. इसे सामान्य भाषा में मियादी बुखार कहते हैं. यह बुखार सलमोनेल्ला टायफी जीवाणु के कारण होता है. इस बीमारी को एंटीबायोटिक दवाइयों की […]
टाइफाइड (Typhoid) एक संक्रामक रोग है जो किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है. लेकिन कमजोर इम्यून सिस्टम के चलते और साथ खेलते, बैठते टाइफाइड बच्चों को अधिक होता है.
इसे सामान्य भाषा में मियादी बुखार कहते हैं. यह बुखार सलमोनेल्ला टायफी जीवाणु के कारण होता है. इस बीमारी को एंटीबायोटिक दवाइयों की मदद से रोक जा सकता है.
टाइफाइड संक्रमित हो कर फैलने वाला रोग है इसलिए कभी किसी टाइफाइड संक्रमित व्यक्ति के हाथ का झूठा खाना न खाएं. बच्चों को स्कूल में इस बात का ख्याल रखने को कहें कि वो अपने साथी के जूठे खाने को न खाए.
कई बार गंदे पानी को पीने से या खुले खाद्य पदार्थों को खाने से भी टाइफाइड होने का खतरा
रहता है.
बच्चे आपस में खांसते हुए, एक दुसरे के हाथों को छुते रहते हैं. इससे भी टाइफाइड होने की संभावना होती है. बच्चों को समझाएं कि खुले में मिलने वाले जंक फूड, गोलगप्पे, चाट जैसी खाने-पीने की चटपटी चीजों से बचें.
टाइफाइड बुखार रहने का समय काल 1 माह है. यह शरीर को पूरी तरह से कमजोर कर देता है. इससे बचने के लिए जरुरी है कि बच्चों पर खास ध्यान दिया जाए. पर इससे पहले जरुरी है कि इसके लक्षणों को पहचान कर उसकी रोकथाम का प्रयास किया जाए.
टाइफाइड के लक्षण…
-बदन दर्द
-कमजोरी आना
-सर दर्द
-पेट दर्द
-कम भूख लगना
-तेज़ बुखार होना
टाइफाइड बिगड़ने पर कई बार आंतों में अल्सर की शिकायत हो जाती है. टाइफाइड में बड़ो को कब्ज और बच्चों को दस्त हो जाते हैं.
क्या करें…
-सबसे पहले बच्चे को परामर्श के बाद एंटीबायोटिक दवाई देना शुरू करें.
-बच्चे को उबला हुआ पानी ही पिलाएं.
-बाज़ार खाद्य पदार्थ सेवन बंद कर दें. खाना घर में ही बनायें.
-बच्चे को लहसुन की कलियां गरम पानी के साथ दें. वो चबा न पाए तो उसे कद्दूकस से कस कर पानी में मिला कर पीने को दें. लहसुन बुखार तो कम करेगा ही साथ ही बच्चे के इम्यून सिस्टम को भी बढ़ाएगा.
-बच्चे की टॉवल, साबुन, चद्दर, कपड़े आदि अलग रखें. याद से रोजाना इन्हें गर्म पानी से धोएं.