आज के समय में हाई-ब्लडप्रेशर का होना साधारण सी बात है. इस भागदौड़ भरी जिंदगी में चाहे हम घर में हो या बाहर चिंता, क्रोध, परेशानियां, ये सभी हमारे दिल, दिमाग और शरीर को घेरे रहती हैं. इसके अलावा बदलती लाइफस्टाइल के चलते लोग जल्दी ही हाई-ब्लडप्रेशर के शिकार हो जाते हैं.
हालाकि हाई-ब्लडप्रेशर कोई बीमारी नहीं है, फिर भी इसके होने से शरीर में कई बीमारियां प्रवेश कर लेती हैं. हाई-ब्लडप्रेशर समय के साथ शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करने लगता है जिसके कारण कई अन्य बीमारियां होने लगती हैं.
आमतौर पर ज्यादा पसीना आने पर, जल्द थक आने और साँस फूल जाने पर, वजन बढ़ने पर ब्लडप्रेशर का हाई होना माना जाता है. लेकिन फिर भी इसकी संतुष्टि के लिए चैकअप जरुर करा लें. अगर परिवार में पहले भी किसी को हाई-ब्लडप्रेशर रहा है तब भी अपना चैकअप जरुर करा लें.
हाई-ब्लडप्रेशर होने के कई कारण होते हैं जैसे…
-मोटापा
-अधिक मात्र में तैलीय भोजन करना
-अकारण परेशान होना
-खून में कोलेस्ट्रोल का बढ़ना
-स्ट्रेस रहने पर
हाई-ब्लडप्रेशर के कारण हार्ट अटैक, स्ट्रोक, लीवर का काम न करना, ब्लड टिशु का कठोर हो जाना, डायबिटीज और कई बार आंखों की रोशनी पर भी असर पड़ता है.
कैसे जाने हाई-ब्लडप्रेशर को
-चक्कर आना
-तेज सरदर्द होना
-नजर में परिवर्तन
-कमजोरी महसूस होना
-सांस लेने में दिक्कत होना
-सीने में दर्द या भारीपन लगना
-चहरे या पैरो में अचानक सुन्न हो जाना
-अचानक घबराहट, समझने या बोलने में कठिनाई होना
कैसे करें नियंत्रण…
-प्रतिदिन एक्सरसाइज की आदत डालें. सुबह मोर्निंग वाक पर जरुर जाएं.
-इन चीजो से परहेज करे- तेलीय खाद्य पदार्थ, मख्खन, घी, डालडा, चिप्स, चिकन, अचार, पापड़ एवं सॉस, चॉकलेट, आइसक्रीम, केक, कोल्डड्रिंक.
-इन चीजो को करे शामिल– साबुत अनाज को अपने भोजन में शामिल करे जैसे – गेहू(Wheat), चावल, रागी, मकई, अंकुरित दाले, मछली, साग-सब्जी एवं ताजे फल आदि.
– सूरजमुखी तेल या सोयाबीन तेल का इस्तेमाल करे.
-नमक का सेवन कम करे.