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जाने क्या है मिलिया

मिलिया त्‍वचा की समस्‍या है जिसे मिल्क स्पॉट और ऑइल सीड भी कहा जाता है. त्‍वचा की मृत कोशिकाएं ही मिलिया का रूप ले लेती हैं. यह समस्‍या बच्‍चों और युवाओं में अधिक देखी जा सकती है. मिलिया यानी सफेद फुंसी. यह फुंसी दाने जैसी होती है जो किसी भी उम्र में हो सकती है. […]

मिलिया त्‍वचा की समस्‍या है जिसे मिल्क स्पॉट और ऑइल सीड भी कहा जाता है. त्‍वचा की मृत कोशिकाएं ही मिलिया का रूप ले लेती हैं. यह समस्‍या बच्‍चों और युवाओं में अधिक देखी जा सकती है.

मिलिया यानी सफेद फुंसी. यह फुंसी दाने जैसी होती है जो किसी भी उम्र में हो सकती है. मिलिया की समस्‍या सबसे अधिक बच्‍चों में देखी जाती है उसके बाद यह समस्‍या किशोरों में दिखती है. यह समस्‍या बिना उपचार के भी समाप्‍त हो जाती है. लेकिन ये चेहरे के प्रभाव को कम करती है इससे बचने के लिए जरुरी है कि कुछ सावधानियां बरती जाएं.

-सफाई का ख्याल रखें.

चेहरे पर गंदगी के कारण ही मिलिया की समस्‍या होती है. यह तैलीय त्‍वचा की तुलना में सूखी त्‍वचा को अधिक प्रभावित करती है, क्‍योंकि सूखी त्‍वचा की कोशिकायें आसानी से चेहरे के ऊपरी परत तक आ जाती हैं. इससे बचने के लिए दिन में कम से दो बार अपने चेहरे को अच्छे फेसवाश से जरूर साफ करें.

-बेस्ट ही चुने

त्‍वचा के लिए अच्‍छी गुणवत्‍ता वाले मॉइश्‍चराइजर क्रीम का प्रयोग करें. मॉइश्‍चराइजर क्रीम आपकी त्‍वचा की ऊपरी परत से मृत कोशिकाओं को आसानी से निकाल देती है, जिसके कारण ये फुंसियां चेहरे पर नहीं दिखाई देती हैं.

-रेटीनॉल भी है कारगार

इसे विटामिन-ए का पूरक माना जाता है, इसका प्रयोग एक्‍ने की समस्‍या को दूर करने के लिए किया जाता है. यह त्‍वचा की मृत कोशिकाओं को यानी ऊपरी परत को निकालकर त्‍वचा को साफ और मुलायम रखता है. अच्‍छे परिणाम के लिए रेटीनॉल युक्‍त क्रीम का प्रयोग सीधे तौर पर प्रभावित त्‍वचा पर करें. लेकिन खास ख्याल रखें, रेटीनॉल आंखों के आसपास न लगाएं.

-धूप से बचें

तेज़ धूप से मिलिया और भी बदतर हो सकता है. इससे बचने के लिए पहले तो तेज़ धुपे में जाने से बचें. यदि जाना ही पड़े तो छाते के बिना और चेहरे को अच्छे से ढक कर जाएं.

-मेकअप को कहें न

मिलिया के दानों को छुपाने के लिए मेकअप का सहारा न लें. ये केमिकल से बने कॉस्‍मेटिक त्वचा को नुकसान पंहुचा सकते हैं. दरअसल कॉस्‍मेटिक और मेकअप के अन्‍य उत्‍पाद आपके रोम छिद्रों को बंद कर सकते हैं, इससे त्‍वचा अधिक प्रभावित होगी और मिलिया आपकी त्‍वचा पर और फैल सकता है. इसलिए मेकअप न कहें.

-खुजली और खुरचने से बचें

मिलिया को मुहांसों से अलग हैं. यह मृत कोशिकाओं के कारण होता है जो कि कुछ सप्‍ताह में अपने आप समाप्‍त हो जाता है. इसलिए इसमें दर्द और जलन की समस्‍या नहीं होती. इसलिए इसे खुजला कर और खरोंच कर निकालने की कोशिश न करें. खरोंचने से यह बदतर हो सकता है और इसके कारण त्‍वचा पर जलन और खुजली की समस्‍या भी हो सकती है.

सप्‍लीमेंट लें

यह अभी रिसर्च में ही है कि नियासीन (विटामिन बी3) और बायोटिन (विटामिन एच) की कमी के कारण मिलिया होता है. जबकि पहले इन शोधों में यह बात सामने आयी है कि उपचार के दौरान विटामिन के इन सप्‍लीमेंट का सेवन करने से मिलिया की समस्‍या दूर होती है. खानपान के जरिये इनकी कमी को दूर किया जा सकता है. लेकिन अगर इनकी कमी त्‍वरित पूरा करना चाहते हैं तो नियासीन और बायोटीन के सप्लीमेंट्स का सेवन करें.

-परामर्श भी जरुरी

अगर आपको लगता है कि मिलिया आपके चेहरे के लिए समस्‍या बन गया है तो इसके लिए आप किसी कुशल त्‍वचा रोग विशेषज्ञ से परामर्श ले सकते हैं. अगर कुछ सप्‍ताह में मिलिया समाप्‍त नहीं हो रहा है तो चिकित्‍सक सूई के जरिये इसे त्‍वचा से निकाला जा सकता है. इसके लिए क्रायोथेरेपी भी किया जाता है. क्रायोथेरेपी संवेदनशील भागों जैसे – आंखों और भौहों के पास से मिलिया को निकालने के लिए किया जाता है।

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