अनियमित दिनचर्या और खानपान में लापरवाही के कारण लीवर में खराबी आ सकती है. शराब का अधिक सेवन भी लीवर को नुकसान पहुंचा सकता है. खाने में तेल और मसालों का अधिक प्रयोगएंवफास्ट फूड का अत्यधिक सेवन लीवर को कमजोर बना सकता है.
लीवर की खराबी को अनदेखा करना आपके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने जैसा है. लीवर में खराबी होने से लीवर कैंसर, लीवर सिरोसिस, हेपेटाइटिस (इसमें ए, बी, सी, डी, र्इ शामिल हैं), पीलिया की समस्यायें होती हैं. इन सब से बचने के लिए जरुरी है कि सही समय पर लीवर खराबी के लक्षणों को जान कर लीवर का इलाज कराया जाए.
जानिए क्या है लक्षण…
-मुंह से गंदी बदबू आना लीवर की खराबी हो सकती है. दरअसल लीवर खराब होने पर मुंह से अमोनिया ज्यादा रिसने लगता है जो यह बताता है कि आपका लीवर ठीक नहीं है.
-स्किन का क्षतिग्रस्त होना, चेहरे पर ज्यादा थकान दिखाई देना.
-लीवर की खराबी में कई बार पानी भी नहीं पचता है.
-त्वचा पर सफेद धब्बे पड़ने लगते हैं. जिन्हें लीवर स्पॉट के नाम से जाना जाता है.
-यूरिन का रंग गहरा होना भी लीवर खराबी के लक्षण हैं.
-यदि आंखों का सफेद भाग पीला नजर आने लगे और नाखून पीले दिखने लगे तो आपको जौन्डिस हो सकता है. यानी आपका लीवर संक्रमित है.
-लीवर एक एंजाइम पैदा करता है जिसका नाम होता है बाइल जो कि स्वाद में बहुत खराब लगता है. यदि आपके मुंह में कड़वाहट लगे तो इसका मतलब है कि आपके मुंह तब बाइल पहुंच रहा है.
– पेट का फूल जाना याने लीवर का बढ़ जाना, सूजन आना.
उपाय..
–शराब से यारी ठीक नहीं
शराब का सेवन लीवर की सिरोसिस बीमारी के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार है लेकिन ऐसा नहीं कि यह शराब नहीं पीने वालों को नहीं हो सकता है. इंस्टीटयूट ऑफ लीवर एंड बिलियरी साइंसेज द्वारा कराये गये शोध की मानें तो लीवर की बीमारी के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार शराब है।
–उचित खान-पान जरुरी
खान-पान में बदलाव कर आप लीवर को बीमार होने से बचा सकते हैं. ऐसे आहार का सेवन करें जिसमें विटामिन, फाइबर, प्रोटीन, मिनरल्स मौजूद हों. बाहर का खाना खाने से परहेज करें. ताजे फल और हरी सब्जियों को अपने आहार में शामिल करें. ज्यादा फैटी आहार का सेवन करने से बचें.
–जरुरी है व्यायाम
यदि आपकी दिनचर्या में व्यायाम शामिल है तो आपको लीवर की बीमारियां नहीं होंगी. लीवर की बिमारियों से बचने के लिए व्यायाम बेहद जरुरी है.
–चैकअप करायें
नियमित जांच को उम्र से न जोड़ें, बीमारियां किसी भी उम्र में हो सकती हैं. इसलिए हर साल लीवर की स्क्रीनिंग जांच अवश्या करायें.
–जरुरी हैं हेपेटाइटिस के टीके भी
यदि आप अपने लीवर की बीमारियों की रोकथाम चाहते हैं तो हेपेटइटिस के टीके अवश्य लगवायें. हेपेटाइटिस लीवर से संबंधित बीमारी है, इससे बचाव के लिए जरूरी है इसके टीके लगवायें जायें.
लीवर को बीमारियों से बचाने के लिए जरूरी है इसकी रोकथाम की जाये, ऐसीआदतों को त्याग दें जो आपके लीवर को कमजोर बनाती हों. लीवर की बीमारियों के लक्षण दिखते ही चिकित्सक से तुरंत संपर्क करें.