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ह्रदय रोगी सर्दियों में रखें खास ख्याल

आमतौर पर बढ़ती उम्र और दिल की बिमारियों का आपस में संबंध देखा गया है. सर्दी का मौसम जैसे बढ़ती उम्र वालों के लिए कई समस्याएं लेकर आता है वैसे ही दिल के मरीजों के लिए सर्दी का मौसम खतरनाक साबित हो सकता है. हालिया हुए एक शोध में, लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 7, 2015 1:47 AM

आमतौर पर बढ़ती उम्र और दिल की बिमारियों का आपस में संबंध देखा गया है. सर्दी का मौसम जैसे बढ़ती उम्र वालों के लिए कई समस्याएं लेकर आता है वैसे ही दिल के मरीजों के लिए सर्दी का मौसम खतरनाक साबित हो सकता है.
हालिया हुए एक शोध में, लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन से जुडे भारतीय मूल के शोधकर्ता कृष्णन भास्करन और उनके सहयोगियों ने अध्ययन में पाया कि ठंड के मौसम में दिल का दौरा पडने का खतरा बढ जाता है.
ब्रिटिश मेडिकल जर्नल के अनुसार शरीर से बाहर के तापमान में गिरावट का सीधा संबंध दिल का दौरा पडने के खतरे में इजाफे से होता है. रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन में बाहरी तापमान में हर एक डिग्री सेल्सियस की गिरावट होने से रोजाना दिल का दौरा पडने के 200 अतिरिक्त मामले सामने आते हैं. हालाकि ठंड में दिल के दौरे का खतरा बढाने के कारण अब तक स्पष्ट नहीं हुए हैं.


कार्डियोलॉजिस्ट कहते हैं, इस बात पर रिसर्च जारी है लेकिन माना जाता है कि रक्तचाप में बदलाव और ठंड के मौसम में खून के गाढ़ा होने की वजह से यह खतरा बढ जाता है.


इस अध्ययन के लिए अस्पताल में भर्ती हुए 84010 हृदय रोगियों से संबंधित डाटा का विश्लेषण किया गया. साथ ही इसमें ब्रिटिश एट्मॉस्फेरिक डाटा सेंटर से जुटाए गए तापमान संबंधी आंकडों का भी अध्ययन किया गया. दिन के औसत तापमान में एक डिग्री गिरावट और दो डिग्री बढ़त दिल के दौरे के खतरे को 28 दिनों तक के लिए बढा सकती है. दो सप्ताह तक दिल के दौरे का सबसे अधिक खतरा रहता है.


ब्रिटेन में प्रति वर्ष एक लाख 46 हजार दिल के दौरों के मामले सामने आते हैं. जिनमें से एक लाख 16 हजार 29 दिन की अवधि के दौरान होते हैं. इसमें सबसे अधिक खतरा 75 वर्ष से 84 वर्ष की आयु वर्ग वालों और दिल की बीमारियों से पीडित लोगों को होता है.


विशेषज्ञों की राय है कि एस्प्रिन का सेवन करने वालों को भी सतर्कता बरतने की जरूरत है क्योंकि वे भी इससे प्रभावित हो सकते हैं.

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