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ऑटिज्म के लिए…बस 15मिनट

ऑटिज्म मस्तिष्क के विकास में बाधा डालने और विकास के दौरान होने वाला रोग है. ऑटिज्म से ग्रसित व्यक्ति बाहरी दुनिया से अनजान अपनी ही दुनिया में खोया रहता है. क्या आप जानते हैं व्यक्ति के विकास संबंधी समस्याओं में ऑटिज्म तीसरे स्थान पर है यानी व्यक्ति के विकास में बाधा पहुंचाने वाले मुख्य कारणों […]

ऑटिज्म मस्तिष्क के विकास में बाधा डालने और विकास के दौरान होने वाला रोग है. ऑटिज्म से ग्रसित व्यक्ति बाहरी दुनिया से अनजान अपनी ही दुनिया में खोया रहता है. क्या आप जानते हैं व्यक्ति के विकास संबंधी समस्याओं में ऑटिज्म तीसरे स्थान पर है यानी व्यक्ति के विकास में बाधा पहुंचाने वाले मुख्य कारणों में ऑटिज्म भी जिम्मेदार है.

ऑटिज्म की पहचान के लिए वैज्ञानिकों ने ऐसा तरीका ढूंढ निकाला है जिससे युवाओं में ऑटिज्म की पहचान मात्र 15 मिनट में की जा सकेगी. इससे पहले ऑटिज्म की पहचान करने के लिए रोगी के परिवार वालों और दोस्तों से ली गई व्यक्तिगत जानकारियों को ही आधार बनाया जाता था.

एक शोध अनुसार, लंदन के किंग्स कॉलेज के वैज्ञानिकों की एक टीम ने युवाओं में ऑटिज्म की पहचान करने के लिए ब्रेन स्कैन का तरीका ढूंढा है, जो मात्र 15 मिनट में ही इस बीमारी की पहचान कर लेगा.


इसकी सबसे अच्छी बात यह है कि इस स्कैन की प्रामाणिकता 90% से भी ज्यादा होगी. अपने इस प्रयोग में किंग्स कॉलेज के मनोचिकित्सा संस्थान के वैज्ञानिकों ने पहले एमआरआई स्कैनर के द्वारा मस्तिष्क के कुछ भागों की तस्वीर ली. इसके बाद एक भिन्न प्रकार की इमेजिंग तकनीक के सहयोग से इन स्कैन किए हुए चित्रों को थ्रीडी पिक्चर में दौबारा बनाया, जिसके आकार, प्रकार और बनावट का कंप्यूटर के जरिए आंकलन किया गया.

इन जटिल प्रक्रियाओं के माध्यम से ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर को स्पष्ट किया गया. लेकिन इस बारे में आलोचकों का कहना है कि इस प्रक्रिया को उपयोग में लाने के लिए विशेषज्ञों के समूह की जरूरत होगी, जो प्राप्त जानकारी की व्याख्या कर उसकी पहचान कर सकें.

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